पंचायत चुनाव. जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव 25 को
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चुनाव को लेकर सरगरमी तेज
पंचायत चुनाव. जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव 25 को पंचायत चुनाव के बाद जिले में फिर से एक बार राजनीतिक सरगरमी तेज हो गयी है. प्रमुख व उप प्रमुख का चुनाव प्रखंडों में 24 से 28 जून के बीच होगा. वहीं जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चयन 25 जून को होगा. सुपौल : […]
पंचायत चुनाव के बाद जिले में फिर से एक बार राजनीतिक सरगरमी तेज हो गयी है. प्रमुख व उप प्रमुख का चुनाव प्रखंडों में 24 से 28 जून के बीच होगा. वहीं जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चयन 25 जून को होगा.
सुपौल : त्रिस्तरीय पंचायत सरकार के गठन के लिए संपन्न चुनाव के बाद जिले में फिर से एक बार राजनीतिक सरगरमी तेज हो गयी है. मतगणना के परिणाम आने के बाद ही जहां जिले के सभी 11 प्रखंडों में प्रखंड प्रमुख व उप प्रमुख के चुनाव के लिए जोड़-तोड़ प्रारंभ हो गया है. वहीं जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के लिए भी राजनीति शुरू हो गयी है. निर्वाचन आयोग द्वारा इन पदों पर चुनाव के लिए तिथि का निर्धारण कर दिया गया है.
घोषित कार्यक्रम के अनुसार प्रमुख व उप प्रमुख का चुनाव प्रखंडों में 24 से 28 जून के बीच होगा, जबकि जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चयन 25 जून को किया जायेगा. तिथि का निर्धारण होने के बाद इन पदों के लिए जारी राजनीति का तापमान परवान चढ़ने लगा है. उक्त पदों के लिए संभावित प्रत्याशी सदस्यों को अपने पक्ष में करने के लिए मशक्कत प्रारंभ कर चुके हैं. प्रत्याशियों के खेमेबाजी जोर पकड़ने लगी है.
मतदाता सदस्यों का समर्थक व आशीर्वाद हासिल करने के लिए निजी रिश्तों के साथ ही जात-पात, धर्म-समुदाय के साथ ही दल गत आधार का भी सहारा लिया जा रहा है. इन सब के अलावा कुरसी के इस खेल में नकद नारायण के इस्तेमाल से ही इनकार नहीं किया जा सकता.
तोल-मोल शुरू
सूत्रों की माने तो सदस्यों का मोल-तोल प्रारंभ हो गया है. विभिन्न खेमे व प्रत्याशी बोली लगाना शुरू कर चुके हैं. मामला बाइक से चलकर स्कार्पियो तक पहुंच चुका है. इसके अलावा भी कई अन्य ऑफर की बात सामने आ रही है. चुनाव का समय करीब आते ही अपने पक्ष के सदस्यों को महफूज रखने के उद्देश्य से उन्हें किसी अन्य शहर व नेपाल प्रवास कराने की तैयारी भी चल रही है.
खासकर जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद को लेकर इस बार जिले का राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह बदला-बदला नजर आ रहा है. गौरतलब है कि वर्तमान चुनाव में जिले के निवर्तमान जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष दोनों अपनी कुरसी बचाने में विफल रहे. चुनाव में इन दोनों की पराजय से जिले में राजनीति का नया समीकरण प्रारंभ हुआ है.
कुरसी पाने की मंशा से गंठजोड़ में जुटे प्रत्याशी
कई नये प्रत्याशी इस बार नये सिरे से अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की कुरसी पाने की मंशा से गंठजोड़ में जुट गये हैं. हालांकि राजनीति के जानकारों की माने तो जिले में राजनीति के बदले-बदले स्वरूप के बावजूद स्थानीय कद्दावर नेता व कई नामी-गिरामी जन प्रतिनिधि के महत्वपूर्ण भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता.
बहरहाल राजनीति की यह विसात जिले में पूरी तरह बिछ चुकी है. हालांकि चेहरे अभी तक स्पष्ट नहीं हुए हैं. निर्वाचन की तिथि करीब आने के बाद ही राजनीति का नया चेहरा व परिदृश्य पूरी तरह उजागर हो पायेगा.
कुरसी के खेल में जात-पात के साथ ही नकद नारायण का भी हो रहा इस्तेमाल
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