सुपौल: व्यवहार न्यायालय परिसर में गुरुवार को पेशी के बाद हाजत ले जाने के दौरान हथकड़ी छुड़ा कर दो कैदी फरार हो गये. फरार कैदी मनीष कुमार यादव सहरसा जिले के बसनही थाना क्षेत्र के मढ़ौरा गांव का निवासी है, जबकि दूसरा कैदी गजेंद्र पंडित मधेपुरा जिला के शंकरपुर थाना क्षेत्र के कबियाही पंचायत स्थित मौरा खाप गांव का रहने वाला है. कैदी के भागने की सूचना मिलते ही न्यायालय परिसर में अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त हो गया.
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पेशी के बाद हथकड़ी छुड़ा दो कैदी फरार
सुपौल: व्यवहार न्यायालय परिसर में गुरुवार को पेशी के बाद हाजत ले जाने के दौरान हथकड़ी छुड़ा कर दो कैदी फरार हो गये. फरार कैदी मनीष कुमार यादव सहरसा जिले के बसनही थाना क्षेत्र के मढ़ौरा गांव का निवासी है, जबकि दूसरा कैदी गजेंद्र पंडित मधेपुरा जिला के शंकरपुर थाना क्षेत्र के कबियाही पंचायत स्थित […]
सूचना के बाद पहुंचे एसपी डॉ कुमार एकले ने कोर्ट हाजत का जायजा लेने के बाद पुलिसकर्मियों से मामले की जानकारी ली. एसपी के निर्देश पर सदर थानाध्यक्ष राम इकबाल यादव के नेतृत्व में पुलिस ने जिला मुख्यालय स्थित विभिन्न मार्गों की घेराबंदी कर दोनों कैदी को पकड़ने के लिए सर्च अभियान चलाया. देर शाम तक पुलिस को सफलता हासिल नहीं हो पायी.
पेशी के बाद…
फरार दोनों कैदी पेशेवर अपराधी बताये जा रहे हैं, जिनके विरुद्ध सहरसा, सुपौल, मधेपुरा सहित अररिया व पूर्णिया जिले के विभिन्न थानों में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.
एक कैदी को खदेड़ कर पकड़ा : गुरुवार की सुबह करीब 11:00 बजे कोर्ट हाजत से हवलदार बद्री नारायण मंडल चार कैदी मनीष यादव, गजेंद्र पंडित, पमपम सिंह और रमेश पासवान को हथकड़ी लगा कर न्यायिक दंडाधिकारी जितेंद्र कुमार के न्यायालय में पेशी के लिए ले गये थे. पेशी के बाद हाजत लौटने के दौरान पुराने एसडीओ कार्यालय परिसर में अचानक मनीष और गजेंद्र ने अपने हाथ से हथकड़ी निकाल लिया और साथ चल रहे तीसरे कैदी पमपम सिंह का भी हथकड़ी निकालने के बाद कोषागार की ओर भाग गये. कैदियों को भागते देख हवलदार के शोर मचाने पर अन्य सिपाहियों ने खदेड़ कर पमपम सिंह को पकड़ लिया जबकि मनीष व गजेंद्र भागने में सफल रहे.
कैदी के भागने की सूचना मिलते ही एसपी डॉ कुमार एकले के निर्देश पर सदर एसडीपीओ वीणा कुमारी, सदर थानाध्यक्ष राम इकबाल यादव सहित अन्य अधिकारी कोर्ट परिसर पहुंचे तथा हवलदार व अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा बताये गये दिशा में कैदियों की धर-पकड़ के लिए निकले. वहीं अधिकारी द्वय ने मंडल कारा पहुंच कर मनीष और गजेंद्र के वार्ड को खंगाल कर घटना से जुड़े अन्य साक्ष्य जुटाने की कोशिश की. इस घटना के बाद एक बार फिर व्यवहार न्यायालय की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
सुपौल व्यवहार न्यायालय परिसर की घटना
एक कैदी सहरसा व दूसरा मधेपुरा का है रहनेवाला
फरार कैदी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधिकारियों की टीम गठित कर छापेमारी की जा रही है. इस मामले में लापरवाही बरतने वाले दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध निलंबन व विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. शीघ्र ही फरार कैदी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
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