वीरपुर : कोचगामा पंचायत सहित कई अन्य गांवों के लोगों को बसंतपुर प्रखंड मुख्यालय के आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति यह है कि विभाग द्वारा इस मार्ग में पुल का निर्माण नहीं कराये जाने के कारण लोगों ने एक बांस की चचरी रख कर पारगमन कर रहे हैं.
साथ ही लोगों को वाहनों से उक्त पंचायत सहित कई गांवों के आवागमन में कठिनाई हो रही है. मालूम हो कि 2008 के अगस्त माह आयी कोसी की विभीषिका ने इस इलाके का सूरत व सीरत बदल दिया. स्थानीय लोगों ने बताया कि विभीषिका से पूर्व यहां की भूमि पर कृषक कार्य कर किसान अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सफल होते थे.
लेकिन कुसहा त्रासदी के बाद से यहां की भूमि रेत में तब्दील हो चुका है. जिस कारण रोजगार को लेकर यहां के अधिकांश लोग दिल्ली, पंजाब, हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों में पलायन करने को विवश हो रहे हैं.
कहते हैं ग्रामीण
ग्रामीण मो बरोनी, मो याकूब, मो दाउद, गुल मोहम्मद, जगदीश राम, नारायण सादा, मो अताबुल आदि ने बताया कि कुसहा त्रासदी के बाद सूबे के मुखिया नीतीश कुमार के वीरपुर हवाई अड्डा पहुंचने पर उन्होंने क्षेत्र के लोगों को आश्वासन दिया था कि वे इस इलाके को पहले से बेहतर बनायेंगे.
बताया कि यह आश्वासन महज कोरा कागज ही साबित हुआ. बताया कि सरकार द्वारा विकास किये जाने की बातें की जा रही हैं. कारण जो भी रहा हो, लेकिन धरातल पर सार्थक परिणाम नहीं निकल पा रहा है. लक्ष्मी राम ने बताया कि चुनाव जीतने के बाद जनप्रतिनिधि द्वारा पुल निर्माण कार्य कराया जाना तो दूर,
यहां तक कि इस इलाके की समस्या का खोज खबर भी नहीं ली जा रही है. हर चुनाव में लोगों को सिर्फ आश्वासन ही िमलता है. प्रखंड कांग्रेस अध्यक्ष शमशेर आलम ने कहा कि यह निर्माण कार्य कोसी योजना के तहत किया जाना है. विभागीय उदासीनता का खामियाजा स्थानीय लोग भुगत रहे हैं.