सुपौल : सदर प्रखंड के मरीचा गांव स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय के बच्चों ने शनिवार को मानक अनुरुप मध्याह्न भोजन नहीं मिलने पर छात्रों व अभिभावकों ने विद्यालय प्रबंधन के विरुद्ध हंगामा किया. छात्रों व अभिभावकों का आरोप था कि इस विद्यालय के शिक्षक काफी विलंब से विद्यालय आते हैं.
साथ ही विषय वार पठन – पाठन का कार्य नहीं कराया जाता है. जबकि मानक अनुरूप बच्चों को भोजन नहीं परोसा जाता है. शनिवार को विद्यालय में शिक्षकों के लिए विशेष खाना बनाये जाने की तैयारी की जा रही थी. जबकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण खाना नहीं खिलाया जाता है.
स्थानीय लोगों द्वारा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एमडीएम चंद्र मौलेश्वर कुमार को दी. जहां श्री कुमार ने विद्यालय पहुंच कर छात्र, अभिभावक व शिक्षकों से स्थिति गत जानकारी लिया. शिक्षकों ने श्री कुमार को बताया कि बच्चों को मीनू के अनुरुप खाना परोसा जा रहा है. नहीं मिली छात्रवृति व नेपकिन की राशि विद्यालय के छात्रों ने बताया कि उन्हें विद्यालय प्रबंधन द्वारा पोशाक राशि उपलब्ध कराया गया. लेकिन छात्र वृति की राशि व छात्राओं को मिलने वाली नेपकिन की राशि उपलब्ध नहीं कराया गया है.
बताया कि विद्यालय में पठन पाठन का कार्य भी समय के अनुरुप नहीं कराया जा रहा है. वार्ड सदस्य विनोद राम ने बताया कि विद्यालय में विषय वार पढ़ाई का कार्य नहीं कराया जाता है. जिस कारण अभिभावक बच्चों को विद्यालय भेजने से परहेज बरत रहे हैं. मौके पर उपस्थित विद्यालय के शिक्षक मो इरफानुल हौदा ने बताया कि छात्र वृति की राशि विभाग द्वारा विद्यालय को आवंटित नहीं की गयी है. बताया कि छात्रों की सूची विभाग को भेज दिया गया है.
राशि के आवंटन होते ही छात्रों को उपलब्ध कराया जायेगा. बताया कि इस विद्यालय में भवन का अभाव है. बताया कि एक से लेकर आठ तक के कक्षा का संचालन नियमित रूप से हो रहा है. जबकि विद्यालय को मात्र पांच वर्ग कक्ष ही उपलब्ध है. जिस कारण एक कक्षा में दो – दो क्लास के बच्चों को बैठाना पड़ रहा है.
साथ ही शत प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति होने पर बच्चों को बरामदे पर बिठा कर शिक्षकों द्वारा शैक्षणिक कार्य कराया जाता है. शिक्षकों के भोजन पर मो हौदा ने बताया कि शनिवार को विद्यालय की अवधि अपराह्न के एक बजे तक ही है.
हाल के दिनों में नियोजित शिक्षकों को सरकार द्वारा वेतन मान दिया गया है. जिसे लेकर शिक्षकों ने विद्यालय अवधि के उपरांत एक साथ मिल कर भोजन करने का निर्णय लिया था. इस निर्णय से ग्रामीण क्षुब्ध होकर हंगामा किया है. जांचोपरांत कहते पदाधिकारी डीपीओ एमडीएम ने बताया कि विद्यालय के जांच के दौरान उन्होंने पाया कि मीनू अनुरूप रसोइया द्वारा पकाये गये भोजन खिचड़ी में एक ही प्रकार के दाल का उपयोग किया गया था.
साथ ही चोखा में तेल की मात्रा उन्होंने मानक अनुरूप नहीं पाया. बताया कि विद्यालय में शिक्षकों द्वारा भोज का आयोजन किया गया है. श्री कुमार ने बताया कि विद्यालय में कुछ शाकाहारी बच्चे नामांकित हैं.
शिक्षकों द्वारा मांसाहारी भोजन बनाये जाने के निर्णय पर हंगामा किया गया था. श्री कुमार ने शिक्षकों को ताकीद किया कि पठन – पाठन का कार्य ससमय विद्यालय में हो इसका सभी अनुपालन करें. साथ ही बच्चों को मानक अनुरूप भोजन उपलब्ध करावे.