संतों ने प्रवचन के दौरान मूर्ति पूजा से बड़ी साधना पूजा को बताया. उन्होंने कहा कि आनंद की प्राप्ति ही मुक्ति है एवं मुक्ति की प्राप्ति का नाम ही मोक्ष है. कहा कि गृहस्थ आश्रम में भी रह कर साधना के माध्यम से परमात्मा का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन ज्ञान के पहले का विश्वास वस्तुत: विश्वास नहीं बल्कि अंधविश्वास होता है. राष्ट्र भक्ति को भी परमात्मा भक्ति का एक अंग बताया.
बुढ़ापे में माता-पिता की सेवा को ही उनका सच्च श्रद्ध बताया. मौके पर कृष्णदेव प्रसाद व जय प्रकाश बाबा ने भी काग बाबा के दर्शन की व्याख्या की. सत्संग के दौरान कृत नारायण, संतोष, शंकर, प्रभात व जगदीश ने भजन-कीर्तन प्रस्तुत किया. मौके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष नागेंद्र नारायण ठाकुर, अरविंद कुमार पंकज, रणधीर ठाकुर आदि थे.