प्रतापगंज: मंगलवार को प्रखंड के चिलौनी उत्तर पंचायत स्थित तीन टोलिया गांव में अनुमंडलीय संगम संतमत सत्संग के दो दिवसीय द्वितीय वार्षिक अधिवेशन में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.
सत्संग के दौरान महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के परम शिष्य स्वामी योगानंद महाराज ने कहा कि जीवन के दलदल में फंसे लोगों को चारों ओर से विपत्तियां व परेशानी घेरती है और दलदल से निकलने का कोई सहारा दिखायी नहीं देता है. इस स्थिति में जीवन को सुधारने का एक मात्र मार्ग सत्संग स्थल ही है. कहा कि सत्संग में आकर ही भौतिकवादी जीवन से दूर हुआ जा सकता है. कहा कि संत व महापुरुष पापों को सोखते हैं, असंभव को संभव कर दिखाते हैं. आज मानव के खान-पान में मांस व मदिरा का सेवन जिस प्रकार बढ़ रहा है, वह तनाव का सबसे बड़ा कारण है. स्वामी ने कहा कि मानव को अपने खान-पान पर विचार करने की जरूरत है.
क्योंकि, जानवर भी किसी वस्तु को सूंघ कर ही ग्रहण करता है. सत्संग में श्रद्धालुओं को कमलेश्वरी बाबा, राम चंद्र बाबा, सुभाष बाबा ने भी संबोधित किया और महर्षि मेंही परमहंस के आदर्शों का बखान किया. साथ ही पूर्व मुखिया योगा नारायण यादव, भूपनारायण यादव, महेंद्र तांती आदि ने आगंतुक संतों का स्वागत किया. कार्यक्रम के सफल संचालन में संतमत जिला समिति के महासचिव नागेश्वर प्रसाद बिराजी की अहम भूमिका रही.