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यूनानी चिकित्सक करते हैं एलोपैथिक उपचार

जदिया : पांच दशक पूर्व स्थापित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोरियापट्टी संसाधन के अभाव में खुद मरीज बना है. स्थापना काल के बाद से अब तक इस अस्पताल की सूरत व सीरत में खास परिवर्तन नहीं आ पाया है. एक ओर जहां सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन हुआ है, वहीं यह अस्पताल […]

जदिया : पांच दशक पूर्व स्थापित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कोरियापट्टी संसाधन के अभाव में खुद मरीज बना है. स्थापना काल के बाद से अब तक इस अस्पताल की सूरत व सीरत में खास परिवर्तन नहीं आ पाया है.

एक ओर जहां सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था में आमूल चूल परिवर्तन हुआ है, वहीं यह अस्पताल विभागीय उपेक्षा का शिकार बना है. अस्पताल भवन जजर्र हालत में है. चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी की कमी से जूझ रहे इस अस्पताल को आज भी अपने उद्धारक की तलाश है.

* मरीजों का लगा रहता है तांता
दो दशक पूर्व इस अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए पदस्थापित चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी की पर्याप्त सुविधा थी. लेकिन बढ़ती आबादी व बढ़ते मरीजों के बावजूद सुविधाओं में बढ़ोतरी नहीं हो पायी है. नतीजतन आने वाले मरीजों को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवा मयस्सर नहीं हो पा रही है.

इस अस्पताल से 11 किमी की दूरी पर पीएचसी छातापुर व 16 किमी की दूरी पर रेफरल अस्पताल त्रिवेणीगंज है. बावजूद इसके भौगोलिक परिस्थिति के मद्देनजर इस अस्पताल में संसाधन का अभाव लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. जिन्हें पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने पर छातापुर या फिर त्रिवेणीगंज की दूरी नापनी पड़ती है.

* यूनानी चिकित्सक चला रहे अस्पताल
वर्तमान में इस अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा एक यूनानी चिकित्सक डॉ रहमानी व दो नर्स के जिम्मे है. त्रिवेणीगंज से बुधवार व शुक्रवार को एक चिकित्सक डॉ विजय की डयूटी लगती थी. त्रिवेणीगंज प्रभारी द्वारा प्रति नियुक्ति को रद्द कर दिया गया. स्थायी तौर पर एक स्वीपर रामजी राउत यहां रहते हैं, जो चिकित्सक की अनुपस्थिति में मरीजों की सुधि लेते हैं.

* कहते हैं यूनानी चिकित्सक
डॉ रहमानी बताते हैं कि यूनानी दवा भी कम मात्र में उपलब्ध कराया जाता है. यूनानी दवा उपलब्ध रहने पर मरीजों को उक्त पद्धति से उपचार का लाभ पहुंचाया जाता है. यूनानी दवा की अनुपलब्धता में संबंधित मरीजों का उपचार एलोपेथिक दवा द्वारा किया जाता है. बताया कि एपीएचसी में विभाग द्वारा जब तक नियमित चिकित्सकों का पदस्थापन नहीं किया जाता है तब तक मरीजों को पूर्ण चिकित्सीय लाभ नहीं मिल सकेगा.

* कहते हैंग्रामीण
स्थानीय ग्रामीण राम भरोस कामत, रमेश पासवान, मुकेश मंडल, विभेष मंडल, सुरेंद्र यादव, रविंद्र यादव आदि ने बताया कि मुख्यमंत्री सेवा यात्रा के दौरान अस्पताल का रंग रोगन किया गया था. एपीएचसी में मरीजों के बैठने की व्यवस्था भी करायी गयी थी. डॉ के अभाव में मरीज दूसरी जगह उपचार कराने में ही अपनी भलाई समझते है.

* कहते हैं अधिकारी
सिविल सजर्न डॉ केडीपी सिंह बताते हैं कि डॉ विजय के स्थान पर दूसरे चिकित्सक को सप्ताह में दो दिन भेजने के लिए त्रिवेणीगंज प्रभारी को निर्देश दिया गया है.

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