मलखा की मौत से परिजनों में कोहराम
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मलखा की मौत से परिजनों में कोहराम
मलखा की मौत से परिजनों में कोहराम छातापुर : जिला परिषद क्षेत्र संख्या 19 की सदस्या ममता देवी के पति उमेश कुमार उर्फ मलखा मंडल की मंगलवार देर शाम सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी. वे अपनी स्काॅर्पियो पर दो अन्य लोगों के साथ सवार होकर नरपतगंज से वापस घर लौट रहे थे. लेकिन भयानक […]
छातापुर : जिला परिषद क्षेत्र संख्या 19 की सदस्या ममता देवी के पति उमेश कुमार उर्फ मलखा मंडल की मंगलवार देर शाम सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी. वे अपनी स्काॅर्पियो पर दो अन्य लोगों के साथ सवार होकर नरपतगंज से वापस घर लौट रहे थे. लेकिन भयानक कुहासा के कारण उनकी गाड़ी अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई और दुर्घटनाग्रस्त होकर पलटते हुए पानी से लबालब मुख्य नहर में गिर गया. जहां, पानी में दम घुटने के बाद उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया.
दुर्घटना स्थल सुपौल अररिया जिला सीमा क्षेत्र स्थित बड़ी नहर के 78 आरडी के समीप है जो कि नरपतगंज थानाक्षेत्र में पड़ता है. लेकिन मृतक छातापुर प्रखंडन्तर्गत भीमपुर थानाक्षेत्र स्थित ठूंठी निवासी थे. दुर्घटना के बाद स्कॉर्पियो में सवार दो अन्य लोगों को किसी तरह बाहर निकाला गया. जिसमें 40 वर्षीय चंद्रकेश्वर मंडल एवं 35 वर्षीय प्रकाश दोनों गंभीर रूप से जख्मी हैं. घायलों का इलाज नेपाल के विराटनगर स्थित अस्पताल में चल रहा है.
इधर मलखा मंडल के मौत की खबर पूरे इलाके में जंगल में लगी आग की तरह फैल गई और दुर्घटना की जानकारी के बाद उनके घर लोगों तांता लगना शुरू हो गया. 40 वर्षीय श्री मंडल के असामयिक निधन के बाद उनके परिजनों में कोहराम मच गया है. मृतक की पत्नी व जिप सदस्या ममता देवी की चीख पुकार से माहौल गमगीन बना है.
मृतक की वृद्ध माता 70 वर्षीया मंगली देवी तथा एकलौता पुत्र 16 वर्षीय अजय कुमार एवं 12 वर्षीया पुत्री चांदनी कुमारी का रो रोकर बुरा हाल है. मलखा मंडल की मौत की जानकारी के बाद प्रखंड क्षेत्र सहित आस पास के इलाकों में शोक की लहर है. बुधवार की सुबह अररिया जिले के नरपतगंज थाना की पुलिस मृतक के घर पहुंची और शव के पोस्टमार्टम के लिए उसे अररिया ले जाया गया.
जानकारी अनुसार मृतक श्री मंडल ने मंगलवार को पूरे दिन रिश्तेदारों के घर जाकर भेंट मुलाकात में गुजारा था. जिसके बाद वे खुद से गाड़ी चलाकर दो अन्य लोगों के साथ किसी जरूरी काम से नरपतगंज चले गए. नरपतगंज से लौटने के क्रम में घर से पांच सौ गज की दूरी के समीप पहुंचकर श्री मंडल दुर्घटना का शिकार हो गये. दुर्घटना स्थल पर अनबुझे पहलुओं को लेकर लोगों के बीच तरह तरह की चर्चाएं हो रही है. दुर्घटना के विभिन्न कयास लगाये जा रहे हैं
कोई इसे विशुद्ध दुर्घटना तो कोई इस दुर्घटना को सुनयोजित साजिश का हिस्सा मान रहे हैं. चूंकि श्री मंडल इस इलाके में जनप्रिय थे और उनका दबदबा इतना था कि उनके क्षेत्र में अपराधी फटकने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था. जिस कारण वे हमेशा अपराधियों के निशाने पर रहा करते थे. बहरहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए उसे अररिया भेज दिया है. दुर्घटना के वास्तविक कारणों को जानने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिसिया अनुसंधान का अभी इंतजार
करना होगा.
चार भाइयों में अबतक तीन की मौत
मलखा मंडल चार भाइयों में दूसरे नंबर पर थे. मलखा मंडल की सड़क दुर्घटना में मौत होने से पहले बड़े भाई दिनेश मंडल व छोटे भाई पन्नू मंडल की मौत हो चुकी है. एकमात्र बचे सबसे छोटा भाई 35 वर्षीय प्रमोद मंडल के कंधे पर ही अब पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ गई है. परिजनों की मानें तो मलखा मंडल के पिता शिवनारायण मंडल अपने समय में वर्चस्व की लड़ाई की भेंट चढ़ गये. उस वक्त मलखा सहित सभी चार भाई छोटे छोटे ही थे. चारों भाइयों में मलखा ने ही घर एवं बाहर के जिम्मेवारियों को संभाला और कर्तव्य के बदौलत धीरे धीरे पहचान की. साथ ही नयी उंचाईयों को छूने लगे. मलखा के दो संतान हैं जिसमें इकलौता पुत्र 16 वर्षीय अजय कुमार दसवीं का छात्र है. एकमात्र पुत्री 12 वर्षीया चांदनी कुमारी है जो बलुआ बाजार स्थित निजी स्कूल में कक्षा पांचवीं की छात्रा है. मलखा के परिवार में इन सब के अलावे एक वृद्ध मां मंगली देवी है. जो पति की मौत के बाद अपने बाल बच्चों के लिए जिंदा है. पति के बाद चार पुत्रों में अब तक तीन की मौत को देखकर वह व्याकुल सी हो गई है. उनकी जिंदगी में रोने का क्षण इतना आया है कि अब आंसू ने भी उनका साथ छोड़ दिया है. आंगन में जमा महिलाओं की भीड़ में बेसुध पड़ी मंगली बस इतना कहती है कि मेरे मलखा को कोई नींद से जगा दो.
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