सुपौल : सदर प्रखंड अंतर्गत करिहो पंचायत स्थित वार्ड नंबर 18 जमुहा टोला आज भी विकास की रोशनी से कोसों दूर है. सरकार द्वारा प्रत्येक दो सौ की आबादी वाले टोले को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पक्की सड़क से जोड़ने की कवायद कर रही है. लेकिन करीब तीन सौ की आबादी वाले इस टोले के लोगों को आज भी कच्ची सड़क व जर्जर ईंट सोलिंग के सहारे आवागमन करने को विवश हैं.
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नहीं बदली करिहो पंचायत के जमुहा टोले की तस्वीर
सुपौल : सदर प्रखंड अंतर्गत करिहो पंचायत स्थित वार्ड नंबर 18 जमुहा टोला आज भी विकास की रोशनी से कोसों दूर है. सरकार द्वारा प्रत्येक दो सौ की आबादी वाले टोले को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पक्की सड़क से जोड़ने की कवायद कर रही है. लेकिन करीब तीन सौ की आबादी वाले इस […]
इस टोला में बसे लोगों को बिजली की सुविधा तो उपलब्ध करा दिया गया है.
लेकिन यातायात की व्यवस्था की दिशा में पहल नहीं किया गया है. जिस कारण लोगों को जर्जर ईंट सोलिंग व कच्ची सड़क के सहारे आवाजाही करने की मजबूरी बनी हुई है. जर्जर ईंट सोलिंग रहने के कारण जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं. जिसके कारण खास कर रात के समय में इस सड़क से आवागमन करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. जबकि ग्रामीणों द्वारा कई बार इस समस्या को लेकर जनप्रतिनिधि से लेकर विभागीय अधिकारी तक गुहार लगाये हैं.
लेकिन अब तक इन समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया.
कहते हैं ग्रामीण. राजद नेता राजेंद्र यादव, उप मुखिया विरेंद्र यादव, सुभाष यादव, प्रमोद मंडल, रंजीत मंडल, राजेश कुमार, अजय कुमार आदि ग्रामीणों ने बताया कि सड़क को लेकर कई बार जनप्रतिनिधि से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन वहां से आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है. विकास के इस दौर में भी इस टोले के लोगों को उपेक्षित रखा गया है.
टोले के लोगों को बाहर निकलने के लिए एक मात्र जर्जर ईंट सोलिंग सड़क है. बताया कि इस बस्ती में रहने वाले एक बड़ी आबादी को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा जाना चिंताजनक है. लोगों ने बताया कि हर चुनाव के समय वोट मांगने पहुंचने वाले नेता इस समस्या के समाधान का दावा करते हैं. लेकिन चुनाव समाप्त होते ही इसे भुला दिया जाता है. जन प्रतिनिधि व कोई भी अधिकारी आज तक यहां रहने वाले लोगों की सुधि लेने तक नहीं पहुंच सके हैं.
यातायात की समस्या से जूझ रहे टोलावासी
मालूम हो कि जमुहा टोला सुपौल-सिंहेश्वर मुख्य पथ से सटे उत्तर दिशा में अवस्थित है. इतना ही नहीं जनप्रतिनिधि से लेकर सरकार के बड़े-बड़े अधिकारियों का भी इस मुख्य मार्ग से आना-जाना लगा रहता है. इसके बावजूद भी कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि का ध्यान इस टोले पर नहीं जाता है. ग्रामीणों ने बताया कि इस टोले में जाने के लिये एक मात्र यह ईंट सोलिंग सड़क है.
ईंट सोलिंग जर्जर रहने के कारण जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं. जिसके कारण आवागमन करने में भारी परेशानी होती है. दिन में लोग किसी तरह इस रास्ते से आवागमन तो कर लेते हैं. लेकिन रात के समय में इस रास्ते से आवागमन करना दुर्घटना को आमंत्रित करती है. सबसे अधिक परेशानी प्रसव पीड़ित महिलाओं को इस सड़क से ले जाने में होती है.
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