कुव्यवस्था. कुष्ठ रोगी खोजी अभियान हो रहा बाधित
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दवा नहीं िमलने से रोगी परेशान
कुव्यवस्था. कुष्ठ रोगी खोजी अभियान हो रहा बाधित सीवान : जिला कुष्ठ विभाग में करीब एक महीने से कुष्ठ रोग की सभी प्रकार की दवाएं समाप्त हो गयी हैं. दवाओं के खत्म होने से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में दवा नहीं मिलने पर मरीज कुष्ठ विभाग में आ […]
सीवान : जिला कुष्ठ विभाग में करीब एक महीने से कुष्ठ रोग की सभी प्रकार की दवाएं समाप्त हो गयी हैं. दवाओं के खत्म होने से मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में दवा नहीं मिलने पर मरीज कुष्ठ विभाग में आ रहे हैं, लेकिन यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है. कुष्ठ रोगी खोज अभियान का द्वितीय चक्र जिले में करीब एक माह से चल रहा है. इस दौरान मिलने वाले नये रोगियों को दवा नहीं रहने के कारण उपचार शुरू नहीं हो पा रहा है.
अभियान शुरू होने के पहले विभाग द्वारा दवा का भंडारण समय से नहीं किये जाने के कारण ऐसी स्थिति आयी है. जिला कुष्ठ विभाग में एमबी एडल्ट व चाइल्ड तथा पीबी एडल्ट व चाइल्ड चारों प्रकार की दवाएं नहीं हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं एमबी एडल्ट व चाइल्ड तो कहीं पीबी एडल्ट व चाइल्ड में कोई एक या दो दवाएं ही उपलब्ध हैं.
जिले में चल रहा है कुष्ठ रोगी खोज अभियान का द्वितीय चक्र
सदर अस्पताल में नहीं है इलाज की व्यवस्था
नियमानुसार सभी सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को कुष्ठ मरीजों का इलाज करना है.लेकिन व्यावहारिक रूप में ऐसा नहीं हो पाया है. सरकारी अस्पतालों में जब कोई मरीज आता है, तो डॉक्टर सीधे कुष्ठ विभाग में मरीजों को दिखाने के लिए सलाह देते है.अभी तो करीब 13 दिनों पहले जिले के 17 सरकारी अस्पतालों में कुष्ठ मरीजों के इलाज करने व उन्हें दवा देने के लिए पारा मेडिकल वर्करों की बहाली हुई है, लेकिन सदर अस्पताल या जिला कुष्ठ विभाग में मरीजों को देखने की कोई व्यवस्था नहीं है. विभाग ने जिला कुष्ठ विभाग में मरीजों का इलाज करने के लिए एक मेडिकल ऑफिसर की पदस्थापना की है, लेकिन विभाग द्वारा उनका उपयोग नहीं किये जाने के कारण सिविल सर्जन ने उन्हें नशा मुक्ति केंद्र का नोडल ऑफिसर बना दिया. कुष्ठ के मरीज सदर अस्पताल में आते हैं, तो इलाज के लिए भटकते हैं.अगर किसी कर्मचारी ने देख कर दवा दे दी, तो ठीक है वरना लौट जाते हैं.
हमारी ड्यूटी नशामुक्ति केंद्र में लगा दी गयी है
मेरी पदस्थापना कुष्ठ विभाग में ही है, लेकिन मुझे करीब 13 माह से नशा मुक्ति केंद्र का नोडल अफसर बना दिया गया है. इसके अलावा एक दिन तथा जब कोई डॉक्टर नहीं रहते हैं, तो ओपीडी भी देखना पड़ता है. कुष्ठ विभाग में जाने का समय ही नहीं मिलता है.
डॉ रामेदव दास,मेडिकल ऑफिसर,जिला कुष्ठ कार्यालय, सीवान
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