सीवान : गुरुवार को पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन से जुड़े 33 मामलों की मंडल कारा में गठित विशेष अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान मंडल कारा में बंदी के दौरान पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के बैरक से मोबाइल बरामदगी के दर्ज मामले में कोर्ट में आरोप गठन की प्रक्रिया पूरी हुई. इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये तिहाड़ जेल से पेश हुए मो. शहाबुद्दीन ने घटना से इनकार करते हुए कहा कि मेरे बैरक से उस दिन कोई मोबाइल बरामद नहीं हुआ था. हमें फर्जी मुकदमे में फंसाया गया है.
विशेष अदालत की दो सत्रों में चली सुनवाई के समय पहले सत्र में एसीजेएम तीन मनोज कुमार श्रीवास्तव के कोर्ट में जेल से मोबाइल बरामदगी मामले में मो. शहाबुद्दीन व समसी के खिलाफ आरोप गठित हुआ. इस दौरान मो. शहाबुद्दीन ने अपने बयान में कहा कि यह आरोप झूठा है. मंडल कारा के मेरे बैरक से उस दिन कोई मोबाइल बरामद नहीं हुआ था. साजिश के तहत हमें परेशान करने के लिए फर्जी मुकदमे में फंसाया गया है. इसके अलावा इस कोर्ट में अन्य 29 मामले थे.
लेकिन, बचाव पक्ष की तरफ से किसी अधिवक्ता के नहीं होने से इन मामलों में सुनवाई नहीं हुई. विशेष अदालत में दूसरे सत्र में प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश विनोद शुक्ल की अदालत में राजीव रोशन हत्याकांड व प्रफुल्ल चंद पटेल हत्याकांड के मामले में गवाही होनी थी. लेकिन विशेष अभियोजक जयप्रकाश सिंह अस्वस्थ होने के कारण अनुपस्थित रहे. इससे गवाही की प्रक्रिया नहीं हो सकी. कांड के सरकारी गवाह सिपाही प्रदीप मिश्र को गवाही दिये बिना लौटना पड़ा.