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अपहरणकर्ता को सुनायी गयी सात वर्षों की सजा

24 वर्ष बाद आया कोर्ट का फैसला सीवान : चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने बुधवार को अपहरण के मामले में एक आरोपित के खिलाफ सात वर्षों की सजा सुनायी. कोर्ट का यह फैसला 24 वर्षों के बाद आया है. यह घटना एक नवंबर, 1993 को आंदर थाना क्षेत्र के बरावां […]

24 वर्ष बाद आया कोर्ट का फैसला

सीवान : चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने बुधवार को अपहरण के मामले में एक आरोपित के खिलाफ सात वर्षों की सजा सुनायी. कोर्ट का यह फैसला 24 वर्षों के बाद आया है. यह घटना एक नवंबर, 1993 को आंदर थाना क्षेत्र के बरावां गांव निवासी वीरेंद्र कुमार पाठक के भाई गणेश पाठक के अपहरण करने का है. घटना के दिन असांव थाने के पचबेनिया निवासी ओंकार नाथ पांडेय उर्फ वशिष्ठ पांडेय तथा राम अवतार शर्मा बरांव गांव में आये.
इन लोगों ने गणेश पाठक को गाय खरीदने के लिए साथ में ले लिया. श्री पाठक भी बैल खरीदने के लिए अपने पास रखे 2600 रुपये तथा 1400 रुपये गांव के त्रिभुवन पाठक से उधार लेकर उनलोगों के साथ चले गये. दो दिन तक नहीं वापस आने पर आरोपितों के घर जाकर पूछताछ की. लेकिन सही जानकारी नहीं मिलने पर वीरेंद्र कुमार पाठक ने एक परिवाद पत्र अपहरण किये जाने का दाखिल किया. इस पर कोर्ट ने आंदर थाने में अनुसंधान कर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया. एडीजे चार के कोर्ट में गवाहों की गवाही हुई. इसमें अभियोजन के तरफ से एपीपी मो़ याहिया खान तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ता रजनी रंजन तिवारी ने सुनवाई की. इसमें कोर्ट ने अपहरण के मामले में ओंकार नाथ पांडेय उर्फ वशिष्ठ पांडेय को दोषी पाया.

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