उदासीनता. जांच व उपचार के लिए करोड़ों के उपकरण फांक रहे हैं धूल
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डायरिया वार्ड बना गोदाम, बढ़ी मुश्किल
उदासीनता. जांच व उपचार के लिए करोड़ों के उपकरण फांक रहे हैं धूल मशीन प्रयोग में नहीं लिये जाने के कारण अब बरबाद हो रही है सीवान : मरीजों के स्वास्थ्य इंतजाम पर प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाये जा रहे हैं. सरकार, जहां लोगों के सेहत की चिंता जता रही है, वहीं […]
मशीन प्रयोग में नहीं लिये जाने के कारण अब बरबाद हो रही है
सीवान : मरीजों के स्वास्थ्य इंतजाम पर प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाये जा रहे हैं. सरकार, जहां लोगों के सेहत की चिंता जता रही है, वहीं इसके लिए तैनात जिम्मेवार अफसर अपने कर्तव्य का निर्वाह उचित ढंग से नहीं कर रहे हैं. सदर अस्पताल में मरीजों की जांच व उपचार के लिए करोड़ों के आये उपकरण धूल फांक रहे हैं. वहीं, उपयोग में नहीं लिये जाने के कारण कई मशीनें जंग लग कर बेकार हो रही हैं. अस्पताल के विशाल कैंपस के बाद भी यहां का डायरिया वार्ड अब गोदाम बन गया है. डायरिया पीड़ित मरीज के आने पर इमरजेंसी में भरती कराया जाता है तथा हल्की राहत होने पर वार्ड के अभाव में चिकित्सक छुट्टी कर देते हैं. गरमी के मौसम में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद भी विभाग बेपरवाह है.
छह बेडों के डायरिया वार्ड में रखे हैं फर्नीचर : सदर अस्पताल के डायरिया वार्ड की तसवीर यहां के प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर करने के लिए काफी है. यहां वर्षों से डायरिया वार्ड काम करता रहा है, जहां घोषित तौर पर पीड़ित मरीजों की भरती के लिए चार बेड लगाये गये. लेकिन, मरीजों की बढ़ती संख्या को देख दो और बेड बढ़ा कर छह शय्या का वार्ड घोषित कर दिया गया. इससे मरीजों को उपचार में मदद मिलती रही. लेकिन, अचानक एक माह पूर्व डायरिया वार्ड को गोदाम में तब्दील कर दिया गया. कल तक जहां डायरिया पीड़ितों को बेहतर उपचार मिलता था, अब वहां अस्पताल के फर्नीचर पड़े हैं. इस कारण पीड़ित मरीज अब इमरजेंसी वार्ड में रखे जा रहे हैं, जहां अचानक किसी हादसे का शिकार या अन्य गंभीर मरीज के आने पर डायरिया के मरीजों को भरती रखने की आवश्यकता के बाद भी दवा देकर छुट्टी कर दी जाती है. इससे ऐसे मरीज मजबूरी में नर्सिंग होम का शरण लेते हैं, जहां उन्हें बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है.
ब्लड एनेलाइजर मशीन: रक्त जांच के लिए लगी एनेलाइजर मशीन उपयोग में नहीं लिये जाने के कारण जंग खा रहे हैं. विभाग द्वारा लगायी गयी यह अत्याधुनिक मशीन त्वरित रक्त जांच में सहायक है. मशीन के प्रयोग में नहीं लिये जाने के कारण अब बरबाद हो रही है.
इनटूवेटर मशीन: सदर अस्पताल में पूर्व में स्थापित आइसीयू वार्ड में लगी इनटूवेटर मशीन बेकार पड़ी है. अस्पताल में बना नया आइसीयू वार्ड के चालू हो जाने के बाद से पुराने वार्ड की मशीन उपयोग में नहीं रह गयी. इसका नतीजा है कि अब बड़ी रकम खर्च कर खरीदी गयी मशीन धूल फांक रही हैं.
गरमी के मौसम में डायरिया के मरीजों की बढ़ेगी संख्या
बेकार पड़े करोड़ों के उपकरण
सदर अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष का विस्तार करने के दौरान बगल में मौजूद एक्स-रे कक्ष को ध्वस्त कर दिया गया. इसके बाद से ही यहां लगा एक्स रे मशीन बेकार पड़ी है. उधर, शासन के प्राइवेट सेक्टर को एक्स-रे का जिम्मा दे देने के कारण अतिरिक्त आर्थिक बोझ झेलना पड़ रहा है. क्षय रोग विभाग के उपकरण: सदर अस्पताल के क्षय रोग विभाग में एक अतिरिक्त एक्स रे मशीन लगाया गया है. बड़े बजट की अत्याधुनिक मशीन प्रयोग में नहीं लिये जाने के कारण जंग खा रहे हैं.
इस कारण कीमती मशीन के बरबाद होने की स्थिति पैदा हो गयी है.
जल्द खाली कराया जायेगा डायरिया वार्ड
अस्पताल के लिए आये नये फर्नीचर को रखने के लिए कोई स्थान नहीं होने के कारण मजबूरन डायरिया वार्ड में रखा गया था. अब इसे जल्द ही खाली कर देने की कोशिश की जा रही है. अस्पताल में अन्य उपकरणों के बेकार पड़े होने की शिकायत को संज्ञान में लेकर आवश्यक उपाय किये जायेंगे.
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