मत्स्यपालन. योजना के लिए 19.36 करोड़ की राशि स्वीकृत
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आत्मनिर्भर हो रहे हैं किसान
मत्स्यपालन. योजना के लिए 19.36 करोड़ की राशि स्वीकृत 188 किसानों के बीच बंटे मोपेड व फोर व्हीलर एक लाख 36 हजार परिवार होंगे लाभान्वित सीवान : सोमवार को नगर के राजेंद्र स्टेडियम में अनुसूचित जाति/जनजाति योजनांतर्गत मत्स्यपालकों के बीच अनुदान पर वाहन वितरण को लेकर प्रमंडल स्तरीय वाहन वितरण प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया […]
188 किसानों के बीच बंटे मोपेड व फोर व्हीलर
एक लाख 36 हजार परिवार होंगे लाभान्वित
सीवान : सोमवार को नगर के राजेंद्र स्टेडियम में अनुसूचित जाति/जनजाति योजनांतर्गत मत्स्यपालकों के बीच अनुदान पर वाहन वितरण को लेकर प्रमंडल स्तरीय वाहन वितरण प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि मछली उत्पादन से राज्य के किसान आज के समय में आत्मनिर्भर हो रहे हैं. अब देखने को मिल रहा है कि बिहार से भी दूसरे देशों व प्रदेशों में मछलियां भेजी जा रही हैं. इससे काफी खुशी हो रही है कि आनेवाले समय में जिले से मछली दूसरे राज्य में भेजी जायेगी.
हर व्यक्ति को ताजी मछली उनके घरों तक मिल सके, इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति /जनजाति के मत्स्यपालकों के बीच 90 प्रतिशत अनुदान पर मोपेड से लेकर फोर व्हीलर का वितरण करने का निर्णय लिया. इससे लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से भी रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध करना ही इस योजना का मुख्य उद्देश्य है. सूबे के बाहर मछली के निर्यात होने से राज्य की जीडीपी बढ़ेगा. इससे इन किसानों के जीवन में खुशहाली आयेगी. शिकायत मिल रही है किसानों को लोन देने में बैंक के अधिकारी से लेकर कर्मी तक आनाकानी कर रहे हैं.
इस पर विभाग गंभीर है. उन्होंने कहा कि बैंक व कर्मी से किसानों को लोन देने में सहयोग करने की अपील की. सरकार की मंशा है कि इस योजना को लागू कर इस समुदाय के मत्स्यपालकों को आर्थिक उत्थान कर स्वावलंबी बनाया जाये. इसके पूर्व में मंत्री श्री सिंह, जिला पर्षद अध्यक्ष संगीता देवी, निदेशक निषाद अहमद, जिलाधिकारी महेंद्र कुमार, डीडीसी राजकुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इस दौरान सभी अतिथियों का स्वागत बुके व अंग वस्त्र देकर किया गया.
मछली उत्पादन के क्षेत्र में सीवान अग्रणी जिलों में शामिल : जिलाधिकारी श्री कुमार ने कहा कि आज के समय में सीवान मछली उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी जिलों में शामिल है. यहां के अाधा दर्जन प्रखंड ऐसे हैं, जहां मछली उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं. आनेवाले समय में यहां बाहर से आनेवाली मछलियां बंद हो जायेंगी. जिला मत्स्य पदाधिकारी मनीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि यह योजना सूबे किसानों के बीच मील का पत्थर साबित होगी. आज जिले के किसानों को दूसरे राज्य जिले पर अंगुलिका बीज के लिए निर्भर नहीं होना पड़ रहा है. यहां पर दो-दो हैचरी की स्थापना की गयी है. यहां से जिले के किसान अंगुलिका बीज ले जा रहे हैं.
इस दौरान मंत्री श्री सिंह ने वाहनों की चाबी किसानों को सौंपी. इस दौरान बारी-बारी से सीवान, गोपालगंज, छपरा, पश्चिम चंपारण व पूर्वी चंपारण के किसानों के बीच 188 वाहनों को सौंपी गयी. मौके पर पीएसडी विभाग के कार्यपालक अभियंता शम्मी अख्तर, कांग्रेस जिलाध्यक्ष डाॅ विधु शेखर पांडे, उपप्रमुख ओमप्रकाश मिश्र, पूर्व जिला पार्षद सौहेल अहमद, अशरफ अंसारी, रिजवान अहमद, मीठू बाबू, रूदल यादव बागी, खुर्शिद आलम, पंकज सिंह, विनय चंद्र श्रीवास्तव, मो. हक, गणेश राम, मेराज अहमद, प्रेमनाथ पांडे, रामाकांत सिंह, जमाल अहमद उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन जिला मत्स्य पदाधिकारी मनीष कुमार श्रीवास्तव व स्वागत भाषण उप मत्स्य निदेशक सारण ने किया.
11 जिलों में जल्द होगा वातानुकूलित मछली बाजार
छपरा में बनेगा वातानुकूलित मछली बाजार
कार्यक्रम के दौरान मत्स्य विभाग के निदेशक निषाद अहमद ने कहा कि राज्य के 11 जिलों में वातानुकूलित मछली बाजार बनाने के लिए केंद्र सरकार से वार्ता की गयी है. इसमें सारण के छपरा में भी बनाने की योजना है. यहां जमीन मिलते ही जल्द ही बाजार बनाने का कार्य लग जायेगा, जहां साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. यहां पर बना यह मछली बाजार अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. मोपेड व चार पहिया वाहन के वितरण योजना के लिए 19.36 करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी है, इससे राज्य के एक लाख 36 हजार परिवारों के सदस्य लाभान्वित होंगे. महिलाओं को रोजगार के लिए भी प्रशिक्षण की योजना बनायी गयी है. जो महिलाएं अपने घर से नहीं निकलती हैं, उन्हें अलंकारी मछली का प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जायेगा. इस वर्ष 76 करोड़ का राशि बजट में रखा गया है. इससे मछली उत्पादन के लिए खर्च किया जायेगा. इस बार राज्य में 0.56 मीटरिक टन मछली का उत्पाद हुआ है. जो गाड़ी हमलोग किसानों दे रहे हैं, उसे वे लोग बेच नहीं सकते हैं. उसे केवल मछली बेचने के लिए ही प्रयोग करें. इसका भौतिक सत्यापन भी समय-समय पर विभाग द्वारा किया जायेगा. नये तालाब के निर्माण के लिए सरकार सात लाख रुपये दे रही है. इस पर 50 प्रतिशत का अनुदान है. आज के समय में 2.5 टन प्रति हेक्टेयर मछली का उत्पादन किया जा रहा है. वहीं, दूसरी ओर गोरेयाकोठी प्रखंड के चैनपुर गांव के किसान रमेश गुप्ता ने अपने तालाब से एक मछली लाकर दिखाया, जो लगभग 15 किलो से अधिक का था. इसे सभी लोगों को दिखाया गया. इसी दौरान दिव्यांग लक्ष्मी सहनी ने भी मछली को माॅडल के रूप दिखाया.
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