23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बहाली नहीं होने पर बंद हो जायेगा अनुदान

अल्टीमेटम. पीएमडब्ल्यू की बहाली के लिए पांच दिन शेष 30 से शुरू होनेवाले कुष्ठ रोगी खोज अभियान को लेकर भी अधिकारी गंभीर नहीं सीवान : जिला स्वास्थ्य समिति अगर पांच दिनों में पारा मेडिकल वर्करों की बहाली नहीं करता है, तो इस मद में केंद्र सरकार से मिलनेवाले करीब 37 लाख रुपये नहीं मिलेंगे. दिसंबर […]

अल्टीमेटम. पीएमडब्ल्यू की बहाली के लिए पांच दिन शेष

30 से शुरू होनेवाले कुष्ठ रोगी खोज अभियान को लेकर भी अधिकारी गंभीर नहीं
सीवान : जिला स्वास्थ्य समिति अगर पांच दिनों में पारा मेडिकल वर्करों की बहाली नहीं करता है, तो इस मद में केंद्र सरकार से मिलनेवाले करीब 37 लाख रुपये नहीं मिलेंगे. दिसंबर में सीवान आगमन के दौरान राज्य कुष्ठ पदाधिकारी ने विभाग के सभी वरीय अधिकारियों को इसकी जानकारी देते हुए शीघ्र बहाली करने का अनुरोध किया था. पीएमडब्ल्यू की बहाली प्रक्रिया पूरी करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति कई बार पत्र देकर बहाली प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया है.
लेकिन, आज तक बहाली नहीं हो सकी. जनवरी में अधिकारियों ने बहाली प्रक्रिया में तेजी लाते हुए सभी अभ्यर्थियों का साक्षात्कार तो लिया, लेकिन आज तक न तो मेधा सूची बनी ओर न परिणाम आये. राज्य में कुष्ठ मरीजों के इलाज में सहूलियत आने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति ने सितंबर 2013 में सीवान सहित राज्य के 34 जिलों में पारा मेडिकल वर्कर (पीएमडब्ल्यू) की बहाली निकाली. इसके लिए राज्स स्वास्थ्य समिति ने बहाली की प्रक्रिया निकालते हुए सभी जिला स्वास्थ्य समितियों को बहाली करने के लिए अधिकृत किया.
कुष्ठ उन्मूलन अभियान हुआ बाधित : जिले में कुष्ठ उन्मूलन अभियान मात्र चार नन मेडिकल सहायकों के भरोसे ही चल रहा है. इनमें से दो नन मेडिकल सहायक जिला कुष्ठ विभाग में पदस्थापित हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, रेफरल अस्पतालों व अनुमंडल अस्पतालों में कुष्ठ बीमारी का इलाज भगवान भरोसे है. कोई भी मरीज कुष्ठ बीमारी का आता है, तो डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मी साफ शब्दों में कह देते हैं कि यह स्किन का मामला है. किसी स्किन के डॉक्टर से दिखाएं. ऐसी बात नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में कुष्ठ की दवा उपलब्ध नहीं है. दवा उपलब्ध है. लेकिन, कोई मरीजों का इलाज करना ही नहीं चाहता.
फ्लॉप रहा था कार्यक्रम : पिछले साल 12 से लेकर 31 दिसंबर तक राष्ट्रीय कार्यक्रम कुष्ठ रोगी खोजी अभियान चला. इस अभियान के संबंध में विभाग के अधिकारियों ने तो बड़े-बड़े दावें किये. लेकिन, सच्चाई यह है कि यह कार्यक्रम कर्मचारियों की कमी के कारण पूरी तरह से फ्लाॅप रहा.
कार्यक्रम की सफलता के लिए पहले माइक्रो प्लान बनाये गये. लेकिन इसके बावजूद नीचे से लेकर ऊपर तक कमी होने के कारण यह कार्यक्रम अपने उद्देश्यों से भटक गया. शुरू में यह कार्यक्रम 12 दिनों का था. लेकिन पटना से आये एक अधिकारी ने जांच में कई कमी पायी तो इस कार्यक्रम का विस्तार 31 दिसंबर तक कर दिया. जिले की कुल आबादी करीब 37 लाख से अधिक है.लेकिन कुष्ठ रोगी खोजी अभियान के तहत मात्र 25 लाख 49 हजार 055 लोगों की ही जांच हो पायी. इनमें करीब 2606 संदेहास्पद मरीज मिले, जिनमें 172 लोगों की जांच के बाद कुष्ठ की पुष्टि की गयी. विभाग ने फिर तीन महीने बाद इस अभियान को चलाने के लिए निर्देश दिया है. यह कार्यक्रम 30 मार्च से 12 अप्रैल तक होना है. कुष्ठ मरीजों की खोज आशा कार्यकर्ता व उनके साथ एक वॉलंटियर को करना है. जिले में दो से पांच अप्रैल तक पल्स पोलियो का भी कार्यक्रम है. दो कार्यक्रम एक साथ होने पर एक कार्यक्रम का बाधित होना तय है.
इस माह के अंत में बहाली हो जायेगी पूरी
बहाली की प्रक्रिया अंतिम चरण में है.31 मार्च के पहले सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए 19 पारा मेडिकल वर्करों की बहाली कर दी जाएगी.सभी अभ्यर्थियों का साक्षत्कार पहले हो चुका है.
राजकुमार,उप विकास आयुक्त,सीवान

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें