सीवान : सीजेएम कोर्ट के समीप सुलभ शौचालय के पास गुरुवार को पिता ने पुलिस अभिरक्षा में ही अपनी पुत्री का गला दबा कर उसकी हत्या करने का प्रयास किया. हालांकि महिला आरक्षी विद्यावती ने बहादुरी दिखाते हुए लड़की को पिता के चंगुल से छुड़ा लिया. अपने काम में असफल होते देख लड़की के पिता व परिवार के अन्य लोग भागने में सफल रहे. लड़की आसांव थाना क्षेत्र की है. पिछले साल 22 अक्तूबर को धर्मखोर गांव के ही स्व. चंद्रिका साह का पुत्र विकास कुमार के साथ वह लड़की भाग गयी थी. हालांकि लड़की की मां ने 26 अक्तूबर को थाने में एफआइआर दर्ज कर अपनी पुत्री का अपहरण करने का आरोप लगाया था.
इस मामले में धर्मखोर गांव के विकास कुमार, छोटू कुमार व प्रदीप कुमार आरोपित थे. पुलिस ने लड़की को 02 नवंबर को बरामद कर मेडिकल जांच करायी. मेडिकल जांच में लड़की नाबालिग निकली. लड़की ने 164 के बयान में स्वेच्छा से परिवार में झगड़ा होने के कारण अपने एक संबंधी के यहां जाने की बात कही थी. लेकिन 06 दिसंबर को पुन: लड़की अपने प्रेमी विकास कुमार के साथ भागने में सफल रही. इसके पहले परिवार वालों ने वरीय पदाधिकारियों को आवेदन देकर लड़की का 164 का बयान फिर से दर्ज कराने का अनुरोध किया था. काफी दबाव के बाद महिला थाने में पुलिस ने दूसरी बार अपहरण करने की एफआइआर दर्ज की. महिला थाने की पुलिस ने लड़की को बुधवार को बरामद किया. गुरुवार को मेडिकल जांच कराने के बाद पुलिस अभिरक्षा में उसे 164 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए ले जाया जा रहा था. उसी दौरान लड़की के पिता व घर वालों ने लड़की की गला दबा हत्या करने का प्रयास किया. महिला थानाध्यक्ष पूनम कुमारी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि महिला आरक्षी की बहादुरी के कारण लड़की की जान बच गयी तथा उसके घर वाले उसे अपने साथ नहीं ले जा सके.