बड़हरिया : प्रखंड के हबीबपुर गांव में मंगलवार की रात सुप्रसिद्ध शायर डॉ समा बहुआरवी की अध्यक्षता में भव्य मुशायरे का आयोजन किया गया. इसका विधिवत उद्घाटन विधायक हरिशंकर यादव, राजद नेता हमीद रजा उर्फ डब्ल्यू खान, मो मोबिन अधिवक्ता, हबीबुल्लाह मुन्ना आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. मुशायरे का बखूबी संचालन शायर प्रो शर्फुद्दीन शर्फ ने किया. इस मौके पर डॉ बहुआरवी ने देशभक्ति के हवाले से ये नज्म पढ़ी- ‘हिंद की शक्ति का अंदाजा सदियों लगा न पाओगे, जब लाश गिरेगी सरहद पर तुम लाश नहीं गिन पाओगे. मुहब्बत के नाम उनकी यह नज्म भी सराही गयी-
तुम्हारे शहर में तुम-सा हसीं है कि नहीं, कोई नहीं है तुमको यकीन है कि नहीं. उसके बाद बारी थी मशहूर शायरा रुकसार बलरामपुरी की. उन्होंने अपनी इश्क व हुस्न की शायरी से महफिल में गरमाहट ला दी. ‘तेरे नाम ये दिल कर दूं, जान कर दूं ; अगर तू कहे, तो ये एलान कर दूं. ‘ उनकी यह गजल भी तालियों का सबब बनी- ‘जो एक शाम तेरी मेरे नाम हो जाये, तो मेरा और ऊंचा मुकाम हो जाये.’ मशहूर शायर इमरान प्रतापग़ढ़ी के माइक संभालते ही मुशायरा परवान चढ़ गया. उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच सीवान के हवाले से ये शेर यूं पढ़ी- ‘दयारों से सिमट कर आयेगा, हर रेवायत से हटके आयेगा, आंधियों को जरा खबर कर दो, शेर वापस पलट कर आयेगा.’ हालाते हाजरा के तहत इमकान ने नजीब की मां के हवाले से ये आशार पढ़े- सुना था बहुत सुनहरी है दिल्ली, समंदर-सी खामोश व गहरी है दिल्ली, मगर एक मां की सदा सुन न पाया, तो लगता है गूंगा है, बहरी है दिल्ली’. इमरान ने नोटबंदी नज्म के हवाले से प्रधानमंत्री पर, सलवार नज्म के हवाले से बाबा रामदेव पर इशारों -इशारों में हमला बोला. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह व बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह निशाने पर रहे. ठंड की रात में भी महफिल चार बजे सुबह तक गरम रही. इस मौके पर दिलकश गोपालगंजवी, हबीब आरजू, नूर सुल्तानी आदि ने भी अपनी नज्म पढ़ी. मो इशराक, मिसबाहुल हक, लड्डन, जावेद अहमद, मुन्ना अहमद, पिंकू बाबू आदि ने मुशायरे के आयोजन में बड़ी भूमिका निभायी.