मैरवा : रेफरल अस्पताल मैरवा में रात को भरती प्रसूताओं को भयभीत करा कर रेफर करने को विवश कर दिया जाता है़ इससे गरीब व पैसे बचत करने के उद्देश्य से आये मरीजों को लेनी की देनी पड़ जाती है़ हालांकि इस भय को कायम करने का काम एएनएम द्वारा किया जाता है. इस पर मुहर बाद में चिकित्सक द्वारा भी लगा दिया जाता है़ ऐसा ही वाकया मंगलवार की रात एक प्रसूता के साथ हुआ़ उसे रात 11 बजे एक एएनएम द्वारा बताया गया कि उसके बच्चे की धड़कन कम चल रही है़,
जिसे डिलिवरी के दौरान कुछ भी हो सकता है़ पतौआ निवासी प्रसूता सफीना खातून के परिजनों ने एएनएम से कहा कि उसकी रिपोर्ट में तो सबकुछ ठीक है, फिर यह धड़कन कम होने की बात कहां से आ रही है़ मध्य रात को हुई इस परेशानी से दूर देहात से आये परिजनों के सामने नयी समस्या खड़ी हो गयी़ इसकी पुष्टि के लिए उन्होंने काफी मेहनत के बाद चिकित्सक से जानना चाहा, तो उन्होंने भी एएनएम की बातों पर मुहर लगा रेफर करा लेने का मशविरा दिया़
ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने मरीज के परिजन से कहा कि बच्चें की धड़कन कम है, जिससे प्रसव के दौरान बच्चे को खतरा है़ इससे डर कर प्रसूता को ले आधी रात में ही परिजन सीवान के एक प्राइवेट क्लिनिक में ले गये़ प्रसूता के पति जियउल खान ने बताया कि रेफर के बाद मरीज को ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की, तो इनकार कर दिया गया़ मजबूरन प्राइवेट वाहन से प्रसूता को लेकर सीवान ले जाना पड़ा. वहां उसी पल आसानी से सामान्य प्रसव से बच्चा पैदा हो गया़ इसमे परेशानी के साथ ही परिजनों को 15 हजार खर्च उठाने पड़े. हालांकि रेफर होने के पहले अनहोनी से डरे परिजन सामान्य प्रसव से काफी खुश थे.