23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कई प्रदेशों के जायरीनों का उमड़ा सैलाब

नगर के शास्त्री नगर व कागजी मुहल्ले में हुआ कार्यक्रम तालाब के अस्तित्व पर संकट बरकरार महाराजगंज : शहर के प्राचीन बालाजी मठ पोखरे की देख-रेख के अभाव में अपना अस्तित्व खो रहा है. एक समय था, स्वच्छता में यह पोखरा अपना स्थान रखता था. बाल जी मठ में लगी भगवन की मूर्तियों को पूजने […]

नगर के शास्त्री नगर व कागजी मुहल्ले में हुआ कार्यक्रम

तालाब के अस्तित्व पर संकट बरकरार
महाराजगंज : शहर के प्राचीन बालाजी मठ पोखरे की देख-रेख के अभाव में अपना अस्तित्व खो रहा है. एक समय था, स्वच्छता में यह पोखरा अपना स्थान रखता था. बाल जी मठ में लगी भगवन की मूर्तियों को पूजने में इसी पोखरे के पानी का इस्तेमाल होता था. लोगों की मन्नतें पूरी होती थी. आज भी मन्नत मांगने वालों की ए दिन भीड़ लगी रहती है. चाप कल के पानी से भगवन की पूजा होती है. लेकिन पोखरा की सफाई व घाट की मरम्मत के लिए न कोई जान प्रतिनिधि आगे अत है नहीं नगर पंचायत का ध्यान जाता है. इसी पोखरे में पहले लोग स्नान कर पवित्र हो जाते थे. अब वह खुद पवित्र होने के लिए पोखरा लोगों को तलाश रहा है. छठ पर्व में लोग डरते-डरते तालाब में प्रवेश करते हैं, लेकिन निकलने पर कई तरह का चर्म रोग साथ लग जाता है.
तालाबों का पानी काला हो गया है. पशु-पक्षियों तक के लिए इसका उपयोग खतरनाक हो गया है.
संरक्षण व सौंदर्यीकरण योजना पर काम नहीं
ऐतिहासिक तालाबों की साफ-सफाई तथा सौंदर्यीकरण की बात विभिन्न मंचों तथा संस्थाओं की ओर से लगातार उठायी जाती रही है. बावजूद प्रशासन, नगर पंचायत या अन्य संस्थाओं की ओर से इस दिशा में जमीनी स्तर पर काम नहीं हो रहा है. साल में एक बार छठ के अवसर पर तालाबों के किनारे को जरूर साफ कर दिया जाता है. कुछ जनप्रतिनिधि भी अपनी सीमा में इस पर संवेदना जता चुप लगा जाते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें