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मातृत्व योजना की राशि लेनी हुई कठिन

परेशानी. पीएफएमएस प्रक्रिया से भुगतान में देरी होने का बना रहे हैं बहाना प्रभात पड़ताल भुगतान के लिए सिर्फ सोमवार को लिया जाता है बैंक डिटेल्स कई लोगों को बैंक डिटेल्स देने के दो माह बाद भी नहीं मिली राशि बेवजह परेशान करने का प्रसूताओं ने लगाया आरोप सीवान : सदर अस्पताल में प्रसव कराने […]

परेशानी. पीएफएमएस प्रक्रिया से भुगतान में देरी होने का बना रहे हैं बहाना

प्रभात पड़ताल
भुगतान के लिए सिर्फ सोमवार को लिया जाता है बैंक डिटेल्स
कई लोगों को बैंक डिटेल्स देने के दो माह बाद भी नहीं मिली राशि
बेवजह परेशान करने का प्रसूताओं ने लगाया आरोप
सीवान : सदर अस्पताल में प्रसव कराने से कठिन है मातृत्व योजना के तहत मिलनेवाली राशि को लेना. सामान्य प्रसव तो घंटों और सीजेरियन के बाद एक सप्ताह में मरीज घर वापस चल जाती हैं. वहीं, जननी शिशु रक्षा योजना के तहत प्रसूताओं को मिलने वाली राशि कब मिलेगी, इसका कोई ठिकाना नहीं है. हालांकि विभाग का सख्त निर्देश है कि जल्द-से-जल्द प्रसूताओं को मातृत्व योजना की
राशि उपलब्ध करा देनी है. सदर अस्पताल के अधिकारी भुगतान में देरी होने का ठीकरा भुगतान के नया तरीका पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) को दोषी बता रहे हैं.
क्या है पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम : पीएफएमएस भारत सरकार का एक पोर्टल है. विभाग को जिस शीर्ष में राशि का भुगतान करना होता है, उस लाभुक का नाम व बैंक खाते का डिटेल भर कर रजिस्टर्ड करना पड़ता है. अगर नाम व खाता नंबर सही निकला, तो आठ घंटे के अंदर पोर्टल पर लाभुक का एकाउंट रिजस्टर्ड हो जाता है.
यह बात सही है कि मातृत्व योजना की राशि के भुगतान के समय पोर्टल पर लाभुक का डिटेल जैसे गांव, पंचायत, प्रखंड, थाना आदि की जानकारी देनी पड़ती है. लेकिन, ये सूचनाएं लाभुक को भुगतान करने में बाधक नहीं हैं. एकाउंट रजिस्टर्ड होने के बाद जितनी राशि लाभुक को देनी है, उसका डिटेल सदर अस्पताल अपने संबंधित बैंक को भेज देता है. बैंक एक से दो दिनों में लाभुक के खाते में राशि ट्रांसफर कर देता है. यानी सभी कार्य तीन से चार दिनों का है.
भरती होने के समय नहीं अंकित होतीं सही सूचनाएं
सदर अस्पताल में जब प्रसूताएं प्रसव कराने आती हैं, उस समय परची बनाने के दौरान ड्यूटी पर तैनात एएनएम द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है कि मरीज की सभी सूचनाएं अंकित हैं कि नहीं. काउंटर पर परची बनानेवाला कर्मचारी भी मरीजों के परिजनों से पूछ कर सभी सूचनाएं अंकित नहीं करता है.
इस कारण प्रसव के बाद जब मातृत्व योजना की राशि लेने की बात होती है तो पता चलता है कि मरीज की सूचनाएं अधूरी हैं. उसके बाद शुरू हो जाता है प्रसूताओं के परेशानी का दौर. सदर अस्पताल में सोमवार को प्रसूताओं के बैंक खाते का डिटेल्स सप्ताह में एक बार एकाउंटेंट के पास जमा करना पड़ता है. इस दिन कम-से-कम दो सौ लोगों की कतार जरूर लगी रहती है. सोमवार को किसी कारण से काउंटर नहीं खुला, तो अगले सोमवार को 4 सौ से अधिक भीड़ होनी पक्की है.
क्या कहती हैं मरीज
करीब दो सोमवार से बैंक का डिटेल्स जमा करने आ रही हूं. भीड़ अधिक होने के कारण जमा नहीं हो पा रहा है. सुबह आठ बजे से कतार में खड़ी हूं.
रोजी परवीन, पुराना किला, सीवान
करीब दो सप्ताह से मातृत्व योजना की राशि का भुगतान लेने के लिए बैंक का डिटेल जमा करने आ रही हूं. पुरुष व महिलाओं की लंबी कतार होने के कारण जमा नहीं हो पा रहा है.
उमरावती देवी, चनौर, सीवान
तीन सोमवार से बैंक का डिटेल जमा करने आ रही हूं. लोगों की भीड़ अधिक होने तथा काम में अधिक समय लगने के कारण डिटेल जमा नहीं हो पा रहा है.
संध्या देवी, टिकरी, हुसैनगंज
सुबह आठ बजे से बैंक डिटेल जमा करने के लिए खड़ी हूं. अभी तक काउंटर नहीं खुला. भीड़ अधिक होने पर बच्चा लेकर फॉर्म कैसे जमा होगा, समझ में नहीं आ रहा है.
सीवान : पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम के कारण है परेशानी
मातृत्व योजना के तहत प्रसूताओं को मिलनेवाली राशि के विलंब से भुगतान होने का कारण भुगतान की नयी प्रक्रिया पीएफएमएस है. एकाउंटेंट ने बताया कि एकाउंट को पोर्टल पर रजिस्टर्ड होने में कम-से-कम दो घंटा नहीं, तो दो माह तक का समय लग सकता है, जहां तक बैंक डिटेल जमा करने की बात है. इस संबंध में एकाउंटेंट को महिलाओं की परेशानियों को ध्यान में रखने का निर्देश दिया गया है.
शिवचंद्र झा, सिविल सर्जन, सीवान

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