भूकंप खतरे का अध्ययन कर रहे वैज्ञानिक
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सिसवन के धुरधाट में भी हुई दुर्घटना
भूकंप खतरे का अध्ययन कर रहे वैज्ञानिक सचेत जमीन के भीतर मिट्टी की संरचना की जांच के लिए राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद से आयी टीम सीवान : जिले के चार अंचलों सहित सूबे के पांच जिलों में भूकंप के खतरे का अध्ययन राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद से आये दो सदस्यी टीम द्वारा किया […]
सचेत जमीन के भीतर मिट्टी की संरचना की जांच के लिए राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद से आयी टीम
सीवान : जिले के चार अंचलों सहित सूबे के पांच जिलों में भूकंप के खतरे का अध्ययन राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद से आये दो सदस्यी टीम द्वारा किया जा रहा है. सर्वे गोरेयाकोठी, महाराजगंज, सिसवन, दरौदा के अंचलों में किया जा रहा है. नेपाल के हिमालय क्षेत्र में पिछले वर्ष से जारी भारी भू-गर्भीय हलचल के मद्देनजर वैज्ञानिकों की टीम यहां पहुंची है.
यह टीम जिले में कैंप कर मैग्नेटो टेलोरिक्स इक्यूपमेंट के जरिए जमीन से 20 से 25 किलोमीटर भीतर तक की भू-गर्भीय संरचना का अध्ययन कर रही है. टीम के सीनियर टेक्निकल आॅफिसर डाॅ एस त्याग राजन, रिसर्च स्कालर एमडी बाबू ने बताया कि सीवान के गोरेयाकोठी प्रखंड के मझवलिया पंचायत के मखुआ, महाराजगंज के जलालपुर, सिसवन के काजुआन भागड़,
दरौदा के रमसापूर, बावनडीह में जांच चल रही है. इसके बाद गोपालगंज जिले के बरौली के सरफरा में जांच किया जायेगा. बिहार से जांच समाप्त होने के बाद उत्तराखंड हमलोग जायेंगे. वहां जांच होने के बाद रिपोर्ट तैयार कर छह माह के अंदर सरकार को भेज दिया जायेगा. उस समय यह तय होगा कि यह जिला खतरे के लिहाजा से किस सिस्मिक जेान में आयेगा. सिस्मिक जोन 4 व 5 बेहद खतरनाक माना जाता है.
हर 10 किलो मीटर पर इक्यूपमेंट लगा कर हो रहा जांच : जमीन के भीतर मिट्टी को संरचना की जांच के लिए हर 10 किलो मीटर पर एक मैग्नेटो टेलोरिक्स इक्यूपमेंट लगाया गया है. यह मशीन लगने के पांच दिनों के अंदर यह इक्यूपमेंट जमीन के 20 से 25 किलोमीटर गहराई तक की संरचना व उससे निकलने वाले तरंगों का पूरा डाटा एकत्रित कर लेगा. यह मशीन हर जगह गूगल मैप के अनुसार चिंनिह्त स्थान पर लगाया जा रहा है.
क्या हैं मैग्नेटो टेलोरिक्स इक्यूपमेंट : मैग्नेटो टेलोरिक्स इक्यूपमेंट भू-गर्भीय संरचना की जांच करने वाली अब तक की सबसे आधुनिक इलेक्टो मैग्नेटिक यंत्र है. इसका वजन लगभग 3 से 5 किलो ग्राम तक है.
इसमें पांच तरह का सेंसर लगे हैं. जो जमीन के भीतर 20 से 25 किलो मीटर गहराई तक की संरचना व उससे निकलने वाली तरंगों का अध्ययन करने की क्षमता रखता है.
रोहतास से रक्सौल के बीच 210 किलोमीटर का हो रहा सर्वे : वैज्ञानिकों के अनुसार बिहार के रोहतास से नेपाल सीमा तक कुल 210 किलोमीटर जमीन का सर्वे किया जा रहा है. जो प्रगति पर है. जो पूरा होते ही जांच रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंप दिया जायेगा.
गोरेयाकेाठी के मझवलिया पंचायत के मखुआ गांव में लगा मैग्नेटो टेलोरिक्स इक्यूपमेंट व वैज्ञानिक राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद के डा.एस त्याग राजन व अन्य.
जमीन के अंदर का हो रहा सर्वे
भूकंप के खतरे का अध्ययन के लिए मैग्नेटो टेलोरिक्स इक्यूपमेंट के जरिये जमीन के अंदर की संरचना का सर्वे किया जा रहा है.
डा.एस त्याग राजन,सीनियर टेक्निकल आंफिसर ,राष्ट्रीय भू -भौतिकीय अनुसंधान संस्थान हैदराबाद
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