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बोले शहाबुद्दीन- मैं राजद का सिपाही, इसलिए लालू ही मेरे नेता
सीवान : पूर्वराजद सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने के चौथे दिन मंगलवार को उनके गांव प्रतापपुर में मिलनेवालों का तांता लगा रहा. प्रतापपुर बकरीद के जश्न में डूबा रहा़ बकरीद के बहाने काफी लोग मिलने पहुंचे, जिनका स्वागत पूर्व सांसद ने किया. इस दौरान पूर्व सांसद ने संवाददाताओं से कहा कि हमने […]
सीवान : पूर्वराजद सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के जेल से बाहर आने के चौथे दिन मंगलवार को उनके गांव प्रतापपुर में मिलनेवालों का तांता लगा रहा. प्रतापपुर बकरीद के जश्न में डूबा रहा़ बकरीद के बहाने काफी लोग मिलने पहुंचे, जिनका स्वागत पूर्व सांसद ने किया. इस दौरान पूर्व सांसद ने संवाददाताओं से कहा कि हमने लालू प्रसाद को अपना नेता कहा, तो इतना हंगामा क्यों खड़ा किया गया है. उन्होंने कहा कि महागंठबंधन में कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी भी हैं और अन्य लोग भी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिये बिना कहा मैं राज्य में सदन में होता, तो वे हमारे नेता होते. संसद में होता, तो कोई अन्य नेता होता. लेकिन मैं राजद का सिपाही हूं, इसलिए मेरे नेता तो लालू प्रसाद ही हैं.
इस समय विधायक व सांसद नहीं हूं. ऐसे समय में हो भी नहीं सकता. कानून व कोर्ट के मामले चल रहे हैं. उनके बेटे के संबंध में पूछे जाने पर पूर्व सांसद ने कहा कि वह अभी लॉ कर रहा है. मुकदमे के कारण तीन वर्ष परेशान हो गया. उसके कैरियर के सवाल पर टालते हुए हंस कर कहा कि उसकी पहले पढ़ाई पूरी हो जाये. उसके बाद देखा जायेगा.
पूरी बातचीत में नीतीश कुमार का उन्होंने नाम नहीं लिया. जेल से निकलने के बाद पत्रकारों के हर सवाल का आगे बढ़ कर जवाब देनेवाले मो. शहाबुद्दीन का चौथे दिन चेहरा बदला नजर आ रहा था. वह पत्रकारों से चंद मिनट बात करने के बाद वापस फिर अपने शुभचिंतकों व समर्थकों के बीच बकरीद की रस्मों में जुट गये. घर आनेवाले व उनसे मुलाकात करनेवाले लोगों की मेहमानबाजी करना वे नहीं भूल रहे थे. भारी भीड़ के बाद भी हर कार्यकर्ता से मुलाकात करते दिखे.
दो जजों के ट्रांसफर से शहाबुद्दीन के मुकदमों की सुनवाई लटकी
सीवान : इकोर्ट के आदेश पर पहले सांसद मो. शहाबुद्दीन से जुड़े मामलों की विशेष अदालत में सुनवाई की प्रक्रिया अगले आदेश तक के लिए टल गयी है. विशेष अदालत के न्यायाधीश के तबादले व न्यायिक दंडाधिकारी के पदोन्नति के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है. ऐसे में हाइकोर्ट के आदेश पर नयी तैनाती तक सुनवाई की प्रक्रिया लंबित रहने का अंदेशा है.
पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन से जुड़े मामलों के त्वरित निस्तारण के लिए हाइकोर्ट ने 2005 में विशेष अदालत का मंडल कारा के अंदर गठन करने का निर्देश दिया था. इसके तहत मंडल कारा में लगातार सुनवाई चल रही थी. इस बीच पूर्व में मंडल कारा से पूर्व सांसद को भागलपुर केंद्रीय कारागार में भेजे जाने के कारण सुनवाई की प्रक्रिया बंद हो गयी थी. सात सितंबर को हाइकोर्ट से राजीव रोशन हत्याकांड में जमानत मिलने के बाद मो. शहाबुद्दीन जेल से बाहर हैं.
उधर, अचानक हाइकोर्ट के दो न्यायाधीशों के स्थानांतरण व पदोन्नति के चलते विशेष अदालत में सुनवाई अगले आदेश तक के लिए स्थगित हो गयी है. चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष अदालत के न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव का पटना जिले के व्यवहार न्यायालय में स्थानांतरण हो गया है.
शहाबुद्दीन से मिलने आनेवाले लोगों पर नजर
सीवान. पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के जमानत पर भागलपुर जेल से रिहा होने के बाद प्रशासन काफी चौकस है़ प्रतापपुर में होनेवाले हर गतििवधि पर उसकी नजर है़ जिला प्रशासन शहाबुद्दीन के क्रियाकलाप, उनसे मिलनेवालों की रिपोर्ट िजला प्रशासन हर दिन तैयार कर सरकार को भेज रहा है. मंगलवार को भी बकरीद के दिन प्रशासन काफी सतर्क रहा. पुलिस सूत्रों की मानें, तो प्रशासन प्रतापपुर गांव पर विशेष नजर रख रही है. वहीं, हर आने-जाने वाले तथा पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन से मिलने आनेवाले लोगों पर नजर रखी जा रही है. पूर्व सांसद के रिहा होन के बाद सीवान में हलचल है़ इस कारण िजला प्रशासन काफी सतर्क है और पैनी नजर रखे हुए है और हर दिन की रिपोर्ट तैयार कर रहा है़
पीएम से नहीं हुई मुलाकात दिल्ली से लौटीं आशा रंजन
राजदेव की पत्नी आशा रंजन ने कहा, न्याय के लिए अंतिम दम तक लड़ती रहूंगी
सीवान : त्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड की अब तक सीबीआइ जांच शुरू नहीं होने पर नाराज उनकी पत्नी आशा रंजन के प्रधानमंत्री से मुलाकात नहीं होने पर मंगलवार को वापस अपने घर लौट आयी. प्रभात खबर को आशा रंजन ने कहा कि सोमवार को मैं दिल्ली स्थित सीबीआइ कार्यालय भी गयी थी.
वहां के अधिकारियों ने कहा कि राज्य सरकार का सीबीआइ जांच की संस्तुति संबंधित कोई पत्र नहीं मिला है. एक सप्ताह से आशा रंजन दिल्ली में जमी हुई थी. पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के बाद प्रदेश सरकार ने सीबीआइ जांच की संस्तुति की थी. इसके तीन माह बाद भी अब तक सीबीआइ जांच शुरू नहीं हुई है.
आशा रंजन पिछले एक सप्ताह पूर्व दिल्ली गयी थी. उनका मकसद प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से मिल कर जल्द-से-जल्द न्याय दिलाने की अपील करनी थी. चार दिन पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी. इस संबंध में आशा ने बताया कि सांसद ओमप्रकाश यादव के हवाले से हमने पत्र गृह मंत्री को भेजा था. वह पत्र मिलने की बात गृहमंत्री ने स्वीकार की. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जल्द सीबीआइ से राजदेव हत्याकांड की जांच कराने का आश्वासन दिया है.
शहाबुद्दीन से मेरी जान को खतरा, मांगी सुरक्षा
पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने कहा कि मेरे पति की हत्या के दूसरे दिन हमने पुलिस से पूर्व सांसद शहाबुद्दीन पर आशंका जतायी थी. एक बार फिर अपनी बात अडिग हूं. हमें व मेरे परिवार को शहाबुद्दीन से जान का खतरा है. जेल से बाहर आ जाने के चलते अब चिंता और बढ़ गयी है.
उन्होंने कहा कि मुझे इस सिस्टम पर विश्वास नहीं है. फिर भी न्याय के लिए सभी के दरवाजे पर जाऊंगी. सीबीआइ जांच होने पर मेरी पति की हत्या का राज खुल जायेगा. उन्होंने कहा कि पुलिस हमसे घटना का चश्मदीद गवाह मांग रही है. यह काम खुद पुलिस का है. पूर्व से सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों के अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाने की भी जिला प्रशासन से मांग की है.
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