फैसला. अब तक चार दर्जन मामलों में अधिकांश में बरी व जमानत मिली पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को
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समर्थकों को अब शहाबुद्दीन के आने का इंतजार
फैसला. अब तक चार दर्जन मामलों में अधिकांश में बरी व जमानत मिली पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को बुधवार को पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को राजीव रोशन हत्याकांड में जमानत मिलने के साथ ही उनके जेल से बाहर आने की उम्मीद बढ़ गयी. इससे उनके समर्थकों में काफी उत्साह है. सीवान : मो. शहाबुद्दीन के […]
बुधवार को पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को राजीव रोशन हत्याकांड में जमानत मिलने के साथ ही उनके जेल से बाहर आने की उम्मीद बढ़ गयी. इससे उनके समर्थकों में काफी उत्साह है.
सीवान : मो. शहाबुद्दीन के राजनीतक कद जितने ऊंचे रहे हैं, उससे कम अपराध की फेहरिस्त भी नहीं रही. लिहाजा राजनीति से लेकर अपराध के क्षेत्र में हमेशा जिले में चर्चित रहे. अब तक दर्ज चार दर्जन मामलों में से अधिकांश में बरी होने व जमानत मिलने के बाद अब बाहर आने की उम्मीद को लेकर चर्चा में हैं. 49 वर्ष के शहाबुद्दीन का ग्यारह साल जेल में गुजरा. एक बाहुबली से राजनेता बनने का मोहम्मद शहाबुद्दीन का सफर बेहद दिलचस्प रहा है.
1980 में डीएवी कॉलेज से ही राजनीति में आ गये. भाकपा (माले) के खिलाफ विरोध की राजनीति से उन्होंने इलाके में अपनी मौजूदगी दर्ज करायी. उन पर दर्ज चार दर्जन से अधिक मामलों में से आधा दर्जन मामलों में वे बरी हो चुके हैं. वहीं, शेष में जमानत पर हैं. चर्चित मामलों में तेजाब हत्याकांड में सतीश कुमार उर्फ सोनू व गिरिश कुमार उर्फ निक्कू की हत्या, राजीव रोशन हत्याकांड, प्रतापपुर गोलीकांड, छोटे लाल का अपहरण कर हत्या, एसपी सिंहल पर जानलेवा हमला, तत्कालीन भाजपा जिलाध्यक्ष रामाकांत पाठक के बेटे की हत्या जैसे प्रमुख मामले शामिल हैं. इसको लेकर वर्ष 2005 से जेल में बंद हैं. पहला केस 1986 में शहाबुद्दीन के खिलाफ हुसैनगंज थाने में दायर हुआ.
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