सीवान : सीवान को सूबे के पासपोर्ट जिला के रूप में जाना जाता है. ऐसा इसलिए कहा जाता है कि जिले में प्रतिवर्ष करीब 40 से 45 हजार पासपोर्ट का निर्माण होता है, जो पटना जिले के बाद दूसरा स्थान है. पटना वैसे भी राजधानी भी है. ऐसे में पटना के बाद सीवान का ही स्थान है. इसी कारण पासपोर्ट कार्यालय व पुलिस विभाग में सीवान की पहचान पासपोर्ट जिले के रूप में की जाती है. वहीं, इस संबंध में पासपोर्ट बनवानेवाले कुछ जरूरतमंद लोगों का आरोप है कि पासपोर्ट इंक्वायरी में थानों की मनमानी चलती है. बिना चढ़ावे के किसी की पासपोर्ट इंक्वायरी संभव नहीं है.
हां, इतना जरूर है कि आपके रसूख व पैरवी के अनुसार इसकी राशि घटती-बढ़ती रहती है. कई पुलिस कप्तानों ने थानों में अवैध रूप से इंक्वायरी के नाम पर जनता से हो रही वसूली पर रोक लगाने की कोशिश की थी, लेकिन इस पर लगाम लगाने में सफलता नहीं मिली. वहीं, इसकी राशि बढ़ती ही गयी.
एक हजार से पांच हजार तक होती है वसूली : पासपोर्ट इंक्वायरी के नाम पर थानों द्वारा न्यूनतम 1000 रुपये से पांच हजार तक वसूले जाने की बात बतायी जाती है. इससे अपने रसूख एवं पैरवी के अनुसार राशि घटती-बढ़ती है. कुछ पासपोर्ट बनवा चुके लोगों ने बताया कि अधिकतर मामलों में बिना चढ़ावा के आपकी पासपोर्ट इंक्वायरी संभव नहीं, भले ही आप थानों का कितना भी चक्कर क्यों न लगा लें. ज्यादा पैरवी और आनाकानी करने पर अनुपस्थिति दिखा दी जायेगी और फिर महीनों का फेर व सीवान-पटना का चक्कर लगाना शुरू हो जायेगा. इन्हीं सब कारणों से लोग इंक्वायरी के नाम पर चढ़ावा देने को मजबूर होते हैं.
रिस्क लेकर की जाती है पासपोर्ट इन्क्वायरी : सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार थानों में संख्या बल की कमी व कार्य बोझ के कारण थानेदार भी रिस्क लेकर ही पासपोर्ट इंक्वायरी करते हैं, अगर ऐसा कहा जाये तो गलत नहीं होगा. कारण है कि किसी भी थाने का रेकाॅर्ड अपडेट नहीं है.
चौकीदार की रिपोर्ट व मुखिया या वार्ड मेंबर के लिखित प्रमाणपत्र ही पासपोर्ट इंक्वायरी के मुख्य आधार माना जता है. वहीं, थाने का मुंशी इंक्वारी कराने वाले से ही पूछता है कि आप पर कोई केस तो नहीं है. फिर थानेदार उसकी रिपोर्ट व पासपोर्ट इंक्वायरी वाले की शक्ल-सूरत आदि के आधार पर ही अमूमन संतुष्ट होकर इंक्वायरी भेज देते हैं. कुल मिला कर व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि आम जनता को कोई परेशानी नहीं हो और इंक्वायरी में अगर किसी के विरुद्ध 107 का आरोप है, तो वह भी इंट्री रिपोर्ट में हो.
क्या कहते हैं एसपी
पासपोर्ट इंक्वायरी के नाम पर थानों में अवैध वसूली की जानकारी मुझे नहीं है. यह मामला आपके माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है. पिछले दिनों पासपोर्ट शाखा में इंक्वायरी के नाम पर रकम लेने की सूचना मिलते ही पीटीसी जमादार को तत्काल निलंबित कर दिया गया. जनता से अगर कोई इंक्वायरी के नाम पर पैसे की मांग करता है, तो सूचित करें. कार्रवाई होगी. स्पेशल टीम बना कर इस पर नजर रखी जायेगी और कार्रवाई होगी. सभी थानों को आवश्यक निर्देश दिया जा रहा है.
सौरभ कुमार साह, पुलिस कप्तान, सीवान
लेखा-जोखा . प्रतिवर्ष 40 से 45 हजार पासपोर्ट बनते हैं जिले में, पटना के बाद सबसे ज्यादा रहती है भीड़
ज्यादातर मामलों में पासपोर्ट इन्क्वायरी के लिए लोगों को देना पड़ता है चढ़ावा
थानों में वसूली जाती है 1000 से 5000 तक की राशि