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दीनदयालपुर-साहपुर में धधक रहीं शराब की भट्ठियां!

कार्रवाई. शुक्रवार को 900 किलो महुए को उत्पाद विभाग ने किया नष्ट, छापेमारी में नहीं हो सकी िकसी की िगरफ्तारी सीवान : शराबबंदी के लागू हो जाने के बाद भी दीनदयालपुर व साहपुर में अब भी शराब की भट्ठियां धधक रही हैं. उसके बाद भी कोई बड़ी कार्रवाई विभाग नहीं कर रहा है. शराबबंदी के […]

कार्रवाई. शुक्रवार को 900 किलो महुए को उत्पाद विभाग ने किया नष्ट, छापेमारी में नहीं हो सकी िकसी की िगरफ्तारी
सीवान : शराबबंदी के लागू हो जाने के बाद भी दीनदयालपुर व साहपुर में अब भी शराब की भट्ठियां धधक रही हैं. उसके बाद भी कोई बड़ी कार्रवाई विभाग नहीं कर रहा है. शराबबंदी के पूर्व उत्पाद विभाग व पुलिस प्रशासन कई बार दोनों गांवों में कार्रवाई कर चुका है और कई बार भट्ठियों को ध्वस्त किया गया है. पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद से विभाग का दावा है कि केवल दरौली थाना क्षेत्र के डुमरहर में ही शराब बनाने की सूचना मिली है और कार्रवाई भी की गयी है.
लेकिन, शुक्रवार को उत्पाद विभाग द्वारा जीबी नगर थाना क्षेत्र के दीनदयालपुर व महाराजगंज के साहपुर में हुई कार्रवाई में लगभग 900 किलो पास महुआ को नष्ट किया गया. इसका प्रयोग शराब बनाने के लिए किया जाता है. उत्पाद विभाग की टीम जब गांव में पहुंची, तो कई जगहों पर जमीन में महुआ, मीठा सहित अन्य सामान को मिला कर पास बनाया जा रहा था, ताकि इससे अवैध शराब का निर्माण किया जा सके. इससे लग रहा है कि अब भी इन गांवों में शराब का निर्माण हो रहा है. विभाग ने छापेमारी के दौरान किसी की गिरफ्तारी नहीं की है. लेकिन, केवल महुआ को ही नष्ट किया जा सका है.
शराबबंदी के पूर्व लगभग 50 गांवों में हो रहा था शराब का निर्माण : शराबबंदी के पूर्व लगभग 50 गांवों में अवैध शराब का निर्माण हो रहा था. उत्पाद विभाग ने शराबबंदी के पूर्व इन गांवों को चिह्नित कर सूची बनायी थी, ताकि शराबबंदी के बाद इन गांवों पर विशेष नजर रखी जा सके. इसमें कई ऐसे गांव हैं, जहां भारी मात्रा में शराब का कारोबार हो रहा था.
इन गांवों में चुलाई शराब व स्पिरिट से शराब का निर्माण हो रहा था. स्पिरिट से महादेवा ओपी थाने के बरहन, धनौती ओपी थाने के धनौती, दरौंदा थाने के बालबंगरा, नौतन थाने के नौतन, सेमरिया, सिसवा कला, महाराजगंज के आकाशी मोड़, जीरादेई के ठेपहां, जीबी नगर के चांड़ी बाजार, गुठनी के डरैला बाजार, एमएच नगर क रजनपुरा, मैरवा के छोटका मांझा, जामो के सिकटिया, गोरेयाकोठी के दूधरा व महुआ से चैनपुर ओपी थाने के पासी टोला, बड़हरिया के करबाला, पहाड़पुर, शिवधारी मोड़, ज्ञानी मोड़, दरौली के डुमरहर, दरौंदा के बालबंगरा, गोरेयाकोठी के दूधरा, भगवानपुर हाट के बंगरा, एमएच नगर के खाजेपुर, हुसैनगंज के गोपालपुर पासी टोला आदि गांव शामिल हैं. लोगों का कहना है कि अगर इन गांवों पर विशेष नजर रखी जाये, तो इसके निर्माण पर रोक लग सकती है.
जहरीली शराब पीने से दो की हालत हो चुकी है गंभीर : चैनपुर ओपी थाना क्षेत्र के पासी टोले में दो लोग जहरीली शराब पीने से गत दिन गंभीर हो गये थे. उनका इलाज सदर अस्पताल में होने के बाद चिकित्सकों ने पीएमसीएच रेफर कर दिया था. घटना के बाद से विभाग ने गांव में कार्रवाई करते हुए 50 लीटर शराब भी बरामद की. इस दौरान दयाशंकर तिवारी व मुकुल तिवारी गंभीर हुए थे. वहीं, मुख्य कारोबारी विनोद चौधरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था.
चिह्नित गांवों पर रखी जा रही विशेष नजर
शराबबंदी के पूर्व जिन गांवों को चिह्नित किया गया था, उन पर विशेष नजर रखी जा रही है. अभी केवल डुमरहर में ही शराब बनाने की सूचना है. वहां विभाग द्वारा कार्रवाई की गयी.
अब आगे की विभागीय कार्रवाई चल रही है. गुप्त सूचना मिली कि दीनदयालपुर व साहपुर में भी शराब बनाने के लिए पास तैयार किया जा रहा है. इसके बाद टीम गठित कर कार्रवाई की गयी. इसमें संलिप्त लोगों को चिह्नित किया जा रहा है. अगर कोई भी इस तरह की सूचना देता है, तो उसका नाम गुप्त रखा जायेगा और उस ठिकाना पर कार्रवाई की जायेगी.
अविनाश प्रकाश, उत्पाद अधीक्षक, सीवान
नये-नये तरीके अपनाते हैं कारोबारी
जीरादेई. प्रतिबंध के बावजूद में बड़े पैमाने पर शराब का कारोबार चल रहा है और आज भी शराबी जाम छलका रहे हैं. कुछ मामलों में शराब व शराबियों को पकड़ कर पुलिस जरूर इस बात का एहसास करा रही है कि शराब बेचना और पीना दोनों अपराध है. सरकार पूर्ण शराबबंदी को सफल बनाने के लिए नित्य नये कानून बना रही है. वहीं, आम लोगों में दहशत पैदा किया जा रहा कि वे शराब की परछाई से भी दूर रहे. वहीं, शराब के कारोबार से जुड़े और शराब का सेवन करनेवालों को इससे कोई हर्ज नहीं है कि आगे क्या होगा. ये लोग नयी-नयी तकनीक का सहारा लेकर ग्रामीण क्षेत्र में शराब के कारोबार को चला रहे हैं.
अब भी मिल रही शराब : बिहार में एक अप्रैल, 2016 से शराब पर पूर्ण पाबंदी लगा दी गयी. शराब की सभी लाइसेंसी दुकानों के साथ ही विबरेज कॉरपोरेशन की दुकान में रखी विदेशी शराब को स्टॉक में सील कर दिया गया. बावजूद आज भी जीरादेई एवं आसपास के क्षेत्र में जो शराब की बोतलें मिल रही है उस पर ऑनली फोर यूपी लिखा हुआ है. अधिकांश संख्या में पौआ यानी निब्स की बोतलें लोगों को मिल रही है. मेकडॉवेल, बैगपाइपर, 8 पीएम कंपनी की रम व व्हिस्की मुहैया करायी जा रही है.
कितने में मिल जाती है शराब : रम की छोटी वाली बोतल यानी निब्स 200 से 250 तक में मुहैया करायी जा रही है. दूसरे कंपनी की व्हिस्की 230 से 270 तक में लोगों को मिल रही. बड़ी बोतल यानी कोड 1000 से 1600 रुपये तक में मिल जाती है. कंपनी के हिसाब से दर का निर्धारण किया जाता है.
आज बेरोजगारों के लिए यह रोजगार का एक बड़ा माध्यम बन चुका है. शराब का सिंडीकेट चलाने वाले लोग बेरोजगार युवाओं और महिलाओं को इस धंधे से बड़े पैमाने पर जोड़ रहे हैं. कुछ लोगों से समीपवर्ती यूपी की सीमा पर स्टॉक कर शराब को रखा जाता है, जहां से ऑर्डर बुक होने पर शराब की आपूर्ति की जाती है. इस धंधे में बच्चों को भी शामिल किया गया है, जो अपनी कमर में बोतल बांध कर निर्धारित स्थान तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
शराबबंदी अभियान बना कागजी खानापूर्ति
जीरादेई : शराबबंदी के खिलाफ चलाया जा रहा अभियान एक कागजी खानापूर्ति बन कर रह गया है. हर चौक-चौराहे पर प्रशासन की मिलीभगत से शराब अासानी से उपलब्ध हो जा रही है. उक्त बातें जीरादेई राजद के प्रखंड अध्यक्ष हरेंद्र सिंह ने कार्यकर्ताओं की बैठक के दौरान कही. बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यदि प्रशासन द्वारा शराबबंदी को सफल नहीं बनाया गया, तो राजद एक बहुत बड़ा जनांदोलन करेगा.
मौके पर राजद के नंद जी राम, शालिग्राम यादव, शिवजी यादव, मुखिया नागेंद्र सिंह, मनोज सिंह, कयूम अंसारी सहित कई राजद कार्यकर्ता उपस्थित मौजूद थे.

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