उदासीनता. चार चलंत शौचालयों व 150 फाॅगिंग मशीनों में अधिकतर पड़ी हैं बेकार
वर्ष 2014-15 में हुई थी खरीद
सांसद निधि के बजट से हुआ था क्रय
सीवान : जनता के हित में प्राथमिकता की जरूरत को पूरा करने के लिए शुरू की गयी सांसद निधि व मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना से लोगों को हर वर्ष राहत मिलती है. सड़क व नाला समेत अन्य विकास योजनाओं सहित विभिन्न कार्यों पर खर्च का लाभ आम आदमी को मिलता है, तो दूसरी तरफ योजनाओं के चयन में मनमानी के चलते सरकारी धन की बरबादी भी हो रही है. योजना के तहत कई उपकरण खरीद के बाद उसके रखरखाव का कोई इंतजाम नहीं होने से बरबाद हो रहे हैं.
राज्य व केंद्र सरकारों द्वारा विधायक तथा सांसद के प्रस्ताव पर चयनित होनेवाली योजनाओं के मानक भी तय किये गये हैं, जिससे कि निर्धारित क्षेत्र में ही कार्य पर बजट स्वीकृत किया जा सकेगा. मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना के लिए विधायक द्वारा दिये जानेवाले कार्य प्रस्ताव के लिए हाल ही में संशोधन करते हुए पुल व सड़क निर्माण समेत कई कार्यों को योजना की परिधि से बाहर कर दिया गया है. उधर, सांसद निधि के लिए भी कई गाइड लाइन जारी की गयी हैं. इसके बाद भी प्रस्ताव के चयन में लापरवाही का नतीजा है कि उसका लाभ आम आदमी को नहीं मिल पा रहा है. बानगी के तौर पर देखें, तो वर्ष 2014-15 में सांसद निधि से कुछ उपकरण खरीदे गये. इनमें से अधिकतर धूल फांक रहे हैं. इन उपकरणों पर कुल एक करोड़ 13 लाख, 38 हजार रुपये व्यय हुए.
हर फॉगिंग मशीन पर खर्च हुए 60 हजार रुपये : वर्ष 2014-15 में हीं सांसद निधि से सांसद ओम प्रकाश यादव के प्रस्ताव पर डेढ़ सौ फाॅगिंग मशीनों की खरीदारी की गई. प्रत्येक मशीन खरीद पर 60 हजार रूपये व्यय हुए. ऐसे में मच्छरों से राहत के लिए फागिंग करने के मद में 90 लाख रूपये सांसद निधि का कुल व्यय हुआ. योजना विभाग के मुताबिक इन फागिंग मशीनों को जिला मलेरिया विभाग, प्रखंड कार्यालयों व नगर पंचायत मैरवा को उपलब्ध कराया गया. फाॅगिंग मशीन की खरीद के एक वर्ष बाद भी हाल यह है कि चंद स्थानों को छोड़ कर यह कहीं भी प्रयोग में नहीं है. इस कारण सांसद निधि से खर्च हुए 90 लाख रुपये बेकार साबित हो रहे हैं.
मशीनों का उपयोग करने का दिया गया निर्देश
प्रखंडों को उपलब्ध करायी गयीं फागिंग मशीनों के संबंध में बीडीओ को निर्देशित कर उसका अधिक से अधिक उपभोग करने को कहा जायेगा. प्रखंडों में मशीन बेकार पड़े होने की जानकारी नहीं है.
सीवान
बेकार पड़े हैं अधिकतर चलंत शौचालय
वर्ष 2014-15 में सांसद ओमप्रकाश यादव की सांसद निधि से चार डीलक्स चलंत शौचालयों की खरीद की गयी. इस पर प्रत्येक शौचालय की खरीद पर खर्च हुए पांच लाख 84 हजार 500 रुपये. ऐसे में सांसद निधि का शौचालय मद में 23 लाख 38 हजार रुपये खर्च हुए. हाल यह है कि चार शौचालयों में से दो शौचालय कलेक्ट्रेट कैंपस में पिछले डेढ़ वर्ष से धूल फांक रहे हैं. इनके प्रयोग की जिम्मेवारी नगर पर्षद को दी गयी है. योजना के मुताबिक सार्वजनिक कार्यक्रमों में इसे नि:शुल्क उपलब्ध कराने व व्यक्तिगत आयोजनों में भाड़े पर उपलब्ध कराये जाने हैं. वहीं, हाल यह है कि ये दोनों शौचालय ज्यादातर दिनों तक यहां पड़े रहते हैं. हालांकि, शेष दो शौचालय नगर पंचायत मैरवा को सुपुर्द किये गये हैं. इसे सार्वजनिक स्थानों पर लगाये जाने का लोगों को लाभ मिल रहा है.