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हाल सदर अस्पताल का

प्रबंधन उपलब्ध दवाओं को ही किसी बीमारी में लिखने का बनाता है दबाव सीवान : सदर अस्पताल में विभाग के निर्देश के आलोक में दवाओं को उपलब्ध नहीं रहने के कारण मरीजों को बाजार से दवा खरीदनी पड़ती है. संपन्न लोग तो किसी तरह बाजार से दवा खरीद कर अपने मरीजों का इलाज करा लेते […]

प्रबंधन उपलब्ध दवाओं को ही किसी बीमारी में लिखने का बनाता है दबाव

सीवान : सदर अस्पताल में विभाग के निर्देश के आलोक में दवाओं को उपलब्ध नहीं रहने के कारण मरीजों को बाजार से दवा खरीदनी पड़ती है. संपन्न लोग तो किसी तरह बाजार से दवा खरीद कर अपने मरीजों का इलाज करा लेते हैं, लेकिन गरीब मरीज दवा के अभाव में किसी मदद के इंतजार में रह जाते हैं. सदर अस्पताल में बहुत-सी दवा उपलब्ध होने के बावजूद गलत प्रबंधन के कारण मरीजों को दवा नहीं मिल पाती है. अस्पताल के प्रबंधन के लिए अधिकारी तो विभाग ने बहाल किये हैं, लेकिन शायद उन्हें अभी तक अपनी जिम्मेवारियों को एहसास नहीं हुआ है. डॉक्टर को तो मर्ज के अनुसार दवा लिखनी है, लेकिन मरीज प्रबंधन के दबाव में कभी-कभी डॉक्टर किसी भी बीमारी में मजबूरी में उपलब्ध दवाओं को ही लिखने को मजबूर हो जाते हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी

सदर अस्पताल में विभाग के निर्देश के आलोक में करीब सत्तर दवा उपलब्ध है. अन्य दवाओं की उपलब्धता के लिए विभाग को लिखा गया है. वैसे सभी महत्वपूर्ण दवाएं उपलब्ध हैं.

डॉ. एमके आलम, उपाधीक्षक, सीवान

सदर अस्पताल में काउंटर पर दवा लेने के िलए जुटी मरीजों की भीड़.

क्या कहते हैं मरीज

सुबह में एकाएक तबीयत खराब हो गयी. परिजनों ने इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया. जहां चिकित्सकों ने दवा लिखी लेकिन जब मेरे अभिभावक दवा काउंटर पर गये तो अधिकांश दवा नहीं होने की बात कही गयी.

रवींद्र यादव

जीरादेई के लोहंगाजर से अपने भाई का इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचा जहां चिकित्सकों ने दवा लिखी. दवा अस्पताल से नहीं मिलने पर बाहर के दुकानों से दवा खरीदनी पड़ी.

राजू कुमार

पेट में दर्द व डायरिया का शिकार मासूम बच्चे को लेकर सदर अस्पताल सुबह में पहुंचा. जहां इमरजेंसी में चिकित्सकों ने इलाज किया लेकिन जीवन रक्षक अधिकांश दवा नहीं होने कारण बाहर से लेना पडा.

मंटू सिंह

दो दिनों से तबियत खराब है. इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंची जहां ओपीडी में चिकित्सकों ने दवा लिखी लेकिन जब दवा काउंटर पहुंची तो मालूम चला की पर्ची पर लिखी गयी अधिकांश दवा यहां नहीं मिली. जिसके बाद बाहर से दवा लेने के लिए कहा गया.

सुनीता देवी

सदर अस्पताल में बुजुर्गों के लिए सुविधा नहीं है. क्योंकि जब इलाज कराने अस्पताल पहुंचा तो लंबी देर तक लाइन में लगना पडा. जब डाक्टरों ने दवा लिखी तो मालूम चला की दवा काउंटर पर इसमें से अधिकांश दवा नहीं है.

कन्हैंया सिंह

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