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चंदा बाबू लगा रहे मदद की गुहार
मदद की जरूरत. तीन बेटों की हत्या के बाद आर्थिक स्थिति हो गयी है कमजोर अपराधियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने की कीमत अपने तीन बेटों को गंवा कर चुकाने वाले चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा अब शरीर से थक चुके हैं. 16 अगस्त, 2004 को उनके दो बेटाें की अपहरण कर तेजाब से नहला कर […]
मदद की जरूरत. तीन बेटों की हत्या के बाद आर्थिक स्थिति हो गयी है कमजोर
अपराधियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने की कीमत अपने तीन बेटों को गंवा कर चुकाने वाले चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा अब शरीर से थक चुके हैं. 16 अगस्त, 2004 को उनके दो बेटाें की अपहरण कर तेजाब से नहला कर हत्या कर दी गयी थी. जून, 2014 में उनके तीसरे बेटे की हत्या कर दी गयी. आर्थिक हालात के आगे मजबूर अब चंदा बाबू सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
सीवान :अपराधियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने की कीमत अपने तीन बेटों को गंवा कर चुकाने वाले चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा अब शरीर से थक चुके हैं. शहर के गोशाला रोड स्थित बड़हरिया स्टैंड के पास स्थित अपने मकान में पत्नी व अपने एक दिव्यांग बेटे के साथ रहते हैं. बदहाल आर्थिक हालात के आगे मजबूर अब चंदा बाबू सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. बिहार पीड़ित प्राधिकार स्कीम के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकार को पत्र लिख कर नियमानुसार मदद करने की अपील की है.
वर्ष 2004 में तेजाब से नहला कर दो बेटों की हुई थी हत्या: गल्ला व्यवसाय कर परिवार का जीवन यापन करने वाले चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के बेटे सतीश राज व गिरिश राज की 16 अगस्त, 2004 को अपहरण कर तेजाब से नहला कर हत्या कर दी गयी थी. इस दौरान उसके तीसरे भाई राजीव रोशन अपहरणकर्ताओं के चंगुल से भाग कर अपनी जान बचायी. राजीव रोशन की चश्मदीद गवाही के आधार पर विशेष अदालत ने पूर्व सांसद मो शहाबुद्दीन, राजकुमार शर्मा समेत चार लोगों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुना चुकी है.
वर्ष 2014 में राजीव रोशन की हो गयी हत्या : तेजाब हत्याकांड की चश्मदीद गवाही की कीमत राजीव रोशन को जान गंवा कर चुकानी पड़ी. जून, 2014 में राजीव रोशन की शहर के डीएवी मोड़ पर गोली मार कर बदमाशों ने हत्या कर दी थी. शादी के एक माह बाद हत्या होने के चलते आखिर राजीव की पत्नी भी हमेशा के लिए अपने मायके लौट गयी.
अब पत्नी व एकमात्र दिव्यांग पुत्र है घर पर : चंदा बाबू के तीन पुत्रों की हत्या के बाद अब बीमार पत्नी कलावती देवी व एक दिव्यांग पुत्र नीतीश राज ही घर पर है. चंदा बाबू की उम्र तकरीबन 70 वर्ष हो चुकी है. ऐसे में शरीर भी कमजोर हो चला है. साथ ही परिवार में कोई अन्य बुढ़ापे का सहारा भी नहीं है.
लाचारगी में अब सरकारी मदद की गुहार : चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू ने अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार सह जिला व सत्र न्यायाधीश शैलेंद्र कुमार सिंह को पत्र लिख कर मदद की गुहार लगायी है. बिहार पीड़ित प्राधिकार स्कीम-2014 के अंतर्गत कंपन्सेशन की अपील की है. इस योजना के तहत सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार को पीड़ितों के राहत के लिए आर्थिक सहायता देने का प्रावधान तय किया है. इसका लाभ किसी भी पीड़ित परिवार को दिया जाता है.
आवेदन अभी जिला विधिक सेवा प्राधिकार के यहां विचाराधीन है. बकौल चंदा बाबू शासन से जीवन यापन के लिए अब मदद की जरूरत है. इसके लिए आवेदन दिया हूं. अब कोई आर्थिक स्रोत नहीं होने तथा कोई कमाऊ सदस्य न होने के कारण जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है.
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