दरौंदा़ : ओम ध्यान योग आध्यात्मिक साधना के संस्थापक, योग, स्पर्श, एक्यूप्रेषर प्राकृतिक चिकित्सक ज्यातिषविद् एवं युवा आध्यात्मिक गुरु श्री श्री शैलेश गुरुजी ने रंग व जल पर्व होली पर प्रकाश डालते हुए कहा कि होलिकोत्सव कामदहन का काल है़ इस पर्व का संबंध कामदहन से भी है़ जब देवाधिदेव महादेव शंकर जी ने अपनी क्रोधाग्नि से कामदेव को भस्म कर दिया था़ वसंत को निमित बना कर यदि काम शिवत्व के ऊपर प्रहार करने का प्रयत्न करें,
तो समझ लो कि वह स्वयं के विनाश का सृजन करता है़ मर्यादा में रहें तो काम भी भगवान की विभूति है और मर्यादा तोड़ दे तो वह आत्मनाशक बनता है़ इस दिन संयम अर्थात मर्यादा में रह कर इस पर्व का आनंद उठाएं. इस दिन किसी भी प्रकार के दुराचार वृति, व्यसन व नशा से दूरी रखें, तभी यह पर्व सही मायने सार्थक होगा़