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सांसद निधि को लेकर मची खींचतान

सीवान : महाराजगंज के तत्कालीन सांसद उमाशंकर सिंह का कथित रूप से फर्जी हस्ताक्षर कर सांसद निधि का प्रस्ताव मंजूर कराने का मामला सही पाये जाने के बाद अब निधि को लेकर खींचतान शुरू हो गयी है. विभाग ने अब धनराशि का प्रस्ताव वर्तमान सांसद द्वारा दिये जाने की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट नोडल कार्यालय […]

सीवान : महाराजगंज के तत्कालीन सांसद उमाशंकर सिंह का कथित रूप से फर्जी हस्ताक्षर कर सांसद निधि का प्रस्ताव मंजूर कराने का मामला सही पाये जाने के बाद अब निधि को लेकर खींचतान शुरू हो गयी है. विभाग ने अब धनराशि का प्रस्ताव वर्तमान सांसद द्वारा दिये जाने की संस्तुति करते हुए रिपोर्ट नोडल कार्यालय छपरा को भेज दी है. वहीं पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह ने पूर्व में उक्त धनराशि के मद में दिये गये कार्य प्रस्ताव को स्वीकृत कराते हुए कार्य कराने की मांग की है.

महाराजगंज के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान यह शिकायत की थी कि पूर्व सांसद उमाशंकर सिंह के आकस्मिक निधन के बाद उनका फर्जी हस्ताक्षर कर साढ़े सात करोड़ की कार्य योजना स्वीकृत करा ली गयी.
लंबी जांच प्रक्रिया के बाद आखिरकार शिकायत सही मिली.जांच रिपोर्ट में पाया गया कि तत्कालीन सांसद उमाशंकर सिंह के निर्वाचन के दौरान किये गये हस्ताक्षर से कार्य प्रस्ताव पर किये गये हस्ताक्षर मेल नहीं खा रहे हैं.इसके आधार पर अब कार्य प्रस्ताव को जिला योजना कार्यालय ने रद्द मान लिया है.
इस पर उमाशंकर सिंह के निधन के बाद उपचुनाव में निर्वाचित हुए सांसद प्रभुनाथ सिंह ने निधि पर
उनके पूर्व के प्रस्ताव पर कार्य कराने की मांग की है. प्रभुनाथ सिंह के
मीडिया प्रभारी सुरेंद्र पांडे का
कहना है कि जांच में शिकायत जब सही साबित हो चुकी है,तो
तत्कालीन सांसद के प्रस्ताव पर ही कार्य कराया जाये.
डेढ़ करोड़ स्वीकृत राशि का निर्माण अधर में
तत्कालीन सांसद उमाशंकर सिंह के कथित हस्ताक्षर पर साढ़े सात करोड़ का सांसद निधि का कार्य प्रस्ताव विभाग को मिला था. जिला योजना कार्यालय के मुताबिक इसमें से 13 कार्ययोजना के मद में तकरीबन 1.50 करोड़ में से साठ फीसदी धनराशि स्वीकृत भी हो गयी थी.
अब हाल यह है कि कार्य प्रस्ताव ही फर्जी साबित हो जाने के बाद जिन योजनाओं का कार्य शुरू हो गया है, उसे पूरा करने के लिए शेष 40 फीसदी धनराशि निर्गत होने पर प्रश्नचिह्न लग गया है. जिला योजना कार्यालय से लेकर निर्माण संस्था स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन इस सवाल पर मौन है. जिला योजना पदाधिकारी कन्हैया प्रसाद का कहना है कि अब महाराजगंज सांसद का नोडल कार्यालय छपरा हो गया है. ऐसे में इस संबंध में अब मैं कुछ भी नहीं कह पाऊंगा. ऐसे में कार्य पूरा होने को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है.

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