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बिना आदेश चल रहे बंद अल्ट्रा साउंड सेंटर

सीवान : एक समय था जब सीवान में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या अधिक थी. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण जिले में या तो अनधिकृत अल्ट्रा साउंड नहीं, तो ऐसे लोगों को अल्ट्रा साउंड चलाने का लाइसेंस दे दिया गया, जो प्रसव पूर्व लिंग की जांच कर भ्रूण हत्या में सहयोग करते […]

सीवान : एक समय था जब सीवान में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की संख्या अधिक थी. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण जिले में या तो अनधिकृत अल्ट्रा साउंड नहीं, तो ऐसे लोगों को अल्ट्रा साउंड चलाने का लाइसेंस दे दिया गया, जो प्रसव पूर्व लिंग की जांच कर भ्रूण हत्या में सहयोग करते थे.

इस का परिणाम यह हुआ कि पुरुषों की तुलना में जिले में महिलाओं की संख्या काफी कम हो गयी. यह समस्या करीब पांच वर्षों से हुई है. विभाग के किसी भी पदाधिकारी का इस ओर ध्यान नहीं गया. वर्तमान सिविल सर्जन ने जिले में गिरते लिंगानुपात की ओर ध्यान दिया.

उन्होंने पाया कि जिले में करीब 60 अल्ट्रा साउंड सेंटरों को विभाग ने लाइसेंस दिया है. इनमें से करीब चार वर्ष पूर्व जांच में गड़बड़ी पाये जाने पर 25 अल्ट्रा साउंड सेंटरों को बंद कर उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गयी. इसमें से एक का मुकदमा खत्म होने पर कोर्ट के आदेश पर खोलने की विभाग ने अनुमित तो दे दी. लेकिन अन्य आठ जो कोर्ट के बिना आदेश के कैसे विभाग ने खोलने का आदेश दिया. जबकि मामला कोर्ट में लंबित है. इसके लिए सीएस ने एससीएमओ डॉ नवल किशोर प्रसाद के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम कर गठन किया है. जांच टीम ने रघुनाथपुर के श्रेया अल्ट्रा साउंड सेंटर की जांच कर गड़बड़ी पाये जाने पर पुन: बंद करने का आदेश विभाग ने दिया है.

पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट की अल्ट्रासांड सेंटर उड़ाते हैं धज्जियां : प्रसव पूर्व लिंग जांच कर भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के लिए जिले में पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट कमेटी है, लेकिन यह कमेटी कागज पर ही सिमट कर रह गयी है.आज तक इस कमेटी के लोगों को जिले में कम हो रहे लिंगानुपात के विषय में थोड़ी सी भी चिंता नहीं है. सभी 60 अल्ट्रा साउंड सेंटरों में जांच की जाये, तो कुछ को छोड़ कर शायद किसी में भी जांच करते डॉक्टर नहीं मिलेंगे, जिनके नाम से विभाग ने लाइसेंस जारी किया है.
इसका परिणाम यह होता है कि पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट की धज्जियां उड़ते हुए प्रसव पूर्व लिंग की जांच धड़ल्ले से की जाती है. ग्रामीण क्षेत्रों में जितने भी लाइसेंस वाले अल्ट्रा साउंड सेंटर हैं, जो प्रसव पूर्व लिंग की जांच करते हैं. सिविल सर्जन डॉ शिवचंद्र झा ने जो तीन सदस्यीय जांच टीम बनायी है, उसमें एसीएमओ डॉ नवल किशोर प्रसाद, डीआइओ डॉ प्रमोद कुमार पांडेय व सदर अस्पताल की महिला डॉक्टर शिखा सिन्हा शामिल हैं.
कोर्ट के आदेश के बिना खोले गये अल्टा साउंड सेंटर
1.सूरज अल्ट्रा साउंड सेंटर,सीवान.
2.शिवम अल्ट्रा साउंड सेंटर, बसंतपुर.
3.ओम अल्ट्रा साउंड सेंटर, बसंतपुर.
4.आनंद अल्ट्रा साउंड सेंटर,आंदर.
5.नारायणी अल्ट्रा साउंड सेंटर,चैनपुर.
6.पीडी अल्ट्रा साउंड सेंटर,महाराजगंज.
7.श्री राम अल्ट्रा साउंड सेंटर,मैरवा.
8.श्रेया अल्ट्रा साउंड सेंटर,रघुनाथपुर.
क्या कहते हैं अधिकारी
कोर्ट के आदेश के बिना बंद आठ अल्ट्रा साउंड सेंटरों को किन परिस्थित में खोलने का आदेश दिया गया, इसकी जांच के लिए एसीएमओ के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम बनायी गयी है. गड़बड़ी पाये जाने पर उन्हें फिर बंद किया जायेगा. कोर्ट के आदेश के बिना खुले रघुनाथपुर के श्रेया अल्ट्रा साउंड की जांच की गयी. वहां से गड़बड़ी मिली,
तो पुन: उसे बंद करने का आदेश दिया गया. पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट 1994 का उल्लंघन करने वाले अल्ट्रा साउंड सेंटरों के विरुद्ध निश्चित तौर पर कार्रवाई की जायेगी.
डॉ शिवचंद्र झा, सिविल सर्जन

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