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नये वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आस

नये वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आस एक वर्ष से अस्पतालों में है दवाओं की कमी20 अप्रैल को अस्पताल को असामाजिक तत्वों ने किया था आग के हवालेफोटो 13 सदर अस्पताल 14 सीएस डा. शिवचंद झासंवाददाता, सीवाननये वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होने की आस है, क्योंकि नये स्वास्थ्य मंत्री सभी सीएस […]

नये वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आस एक वर्ष से अस्पतालों में है दवाओं की कमी20 अप्रैल को अस्पताल को असामाजिक तत्वों ने किया था आग के हवालेफोटो 13 सदर अस्पताल 14 सीएस डा. शिवचंद झासंवाददाता, सीवाननये वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होने की आस है, क्योंकि नये स्वास्थ्य मंत्री सभी सीएस को निर्देश दे चुके हैं कि अस्पतालों की व्यवस्था में नये वर्ष से सुधार लायें. इधर, जिले के अस्पतालों में एक वर्ष से दवाओं का घोर अभाव है और चिकित्सक व कर्मियों की कमी है. यही नहीं गत 20 अप्रैल को असामाजिक तत्वों ने सदर अस्पताल को आग के हवाले कर दिया था, जिससे अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था कुछ महीनों के लिए लड़खड़ा गयी. इस कारण अभी तक सीजिरियन नहीं शुरू हो सका है. उस दौरान सदर अस्पताल के एंबुलेंस को भी असामाजिक तत्वों ने आग के हवाले कर दिया था. सीएस डॉ शिवचंद झां ने कहा कि अब नये वर्ष में अस्पतालों में दवाएं उपलब्ध होंगी. इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गयी है. नये वर्ष में अस्पतालों से दूर होगी दवा व चिकित्सकों की कमी : जिले के अस्पतालों में नये वर्ष में चिकित्सकों व कर्मियों की तैनाती की जायेगी. इसके लिए बहाली की प्रक्रिया चल रही है. जिन अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी है, उसे दूर किया जायेगा. सीएस ने बताया दवाओं की भी कमी है, उसे भी दूर किया जायेगा. दवाओं की खरीदारी लोकल स्तर पर की जा रही है, क्योंकि शासन का ही आदेश है कि जब तक राज्य से दवा उपलब्ध नहीं करायी जायेगी, तब तक लोकल स्तर से ही दवाओं की खरीदारी करनी है.नये वर्ष से सभी अस्पतालों में उपलब्ध रहेंगे एंबुलेंस : लगभग एक वर्ष से जिले के कई पीएचसी में एंबुलेंस नहीं हैं क्योंकि एक एनजीओ के माध्यम से एंबुलेंस चल रहे थे. उसी दौरान मरम्मत के लिए एक एजेंसी में गाड़ियां गयीं, लेकिन मरम्मत के बाद आज तक एनजीओ ने अस्पताल को नहीं सौंपा. अस्पतालों में एंबुलेंस की सुविधा नहीं मिलने से मरीजों को परेशानी हो रही है. एक वर्ष पूर्व एनजीओ ने अपना कार्य छोड़ दिया, उसी समय से यह एम्बलेंस एजेंसी में धूल फांक रहे हैं. सीएस ने कहा कि नये वर्ष में सभी अस्पतालों में एंबुलेंस की सुविधा मिलने लगेगी.20 अप्रैल को अस्पताल हुआ था आग के हवाले : 20 अप्रैल का दिन सदर अस्पताल के काला अध्याय साबित हुआ. जब अासमाजिक तत्वों ने सड़क दुर्घटना में बड़हरिया में मौत के बाद अस्पताल को आग के हवाले कर दिया था. इस दौरान सड़क पर लोग उतर कर प्रदर्शन करने लगे और पथराव भी हुआ, इसमें सदर अस्पताल का एंबुलेंस भी जल गया. साथ ही उपाधीक्षक कार्यालय में आग लगा दी गयी, जिससे कई आवश्यक कागजात भी जल गये. वहीं लोगों ने इस दौरान सदर अस्पताल के ओटी को भी आग के हवाले कर दिया था. एंटी रैबीज सूई के लिए बराबर होता रहा हंगामा : लगभग एक साल से सदर अस्पताल में एंटी रैबीज सूई की कमी है. मरीज जनवरी माह से ही बराबर हंगामा करते रहे, लेकिन एक वर्ष बीतने जा रहा है, लेकिन अस्पताल में सूई की व्यवस्था नहीं हुई. लोगों ने अस्पताल में भी हंगामा किया और सड़क भी जाम की, लेकिन अभी तक सूई की व्यवस्था नहीं हुई. सदर अस्पताल में जच्चा-बच्चा की मौत पर माले ने जाम की थी सड़क : सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान पांच माह पूर्व मैरवा के एक जच्चा-बच्चा की मौत हो गयी थी. इसको लेकर भाकपा माले नेताओं ने सदर अस्पताल में हंगामा किया था और अस्पताल के समीप के मुख्य सड़क को जाम कर प्रदर्शन किया. उस समय वरीय अधिकारियों ने पहुंच कर मामले को शांत कराया था.क्या कहते हैं अधिकारीनये वर्ष में जिले के अस्पतालों की स्थिति में सुधार लाया जायेगा. इसके लिए चिकित्सकों की बहाली की प्रक्रिया चल रही है. सभी अस्पतालों में दवा की कमी को भी दूर किया जायेगा. रही बात जो घटनाएं हुईं, उससे अस्पताल को क्षति हुई है. उसके बाद भी लोगों को स्वास्थ्य सेवा बेहतर ढंग से दी जा रही है. डाॅ शिवचंद झा, सीएस

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