ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में नहीं हैं जांच किट जिले के करीब आधा दर्जन से अधिक प्रखंड हैं हाइ रिस्क जोन मेंएचआइवी पॉजीटिव मरीजों को कम करने में लापरवाह दिख रहा विभाग सीवान .जिले में एचआइवी पॉजीटिव मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन मरीजों को कम करने के प्रति विभाग पूरी तरह उदासीन है. जिले के करीब आधा दर्जन से अधिक प्रखंड एचआइवी मरीजों के मामले में हाइ रिस्क जोन हैं. लोगों को इन क्षेत्रों में जागरूक कर एचआइवी मरीजों की पहचान करने के लिए समाजसेवी संगठनों को जिम्मेवारी दी गयी है, लेकिन जिले के किसी भी सरकारी अस्पतालों में सदर अस्पताल को छोड़ कर एचआइवी का जांच किट उपलब्ध नहीं है. ऐसे क्षेत्रों के पीएचसी, रेफरल व अनुमंडलीय अस्पतालों में बिना जांच के महिलाओं के बंध्याकरण व प्रसव बिना एचआइवी जांच के ही होते हैं. इस स्थिति एचआइवी पॉजीटिव वाले मरीजों से संक्रिमत होने का खतरा बना रहता है.सेफ डिलेवरी किट तो है, पर नहीं होता पॉजीटिव महिलाओं का प्रसव : सदर अस्पताल में एचआइवी पॉजीटिव महिलाओं के प्रसव के लिए बिहार एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने सेफ किट तो उपलब्ध कराया है, लेकिन एचआइवी पॉजीटिव महिलाओं का प्रसव सदर अस्पताल में नहीं होता है.बहुत-सी एचआइवी पॉजीटिव महिलाएं ग्रामीण क्षेत्रों में तो चुपचाप आती हैं तथा बिना जांच कराये प्रसव करा कर चली जाती हैं, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से अगर किसी महिला ने बता दिया कि वह एचआइवी पॉजीटिव है, तो उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है. सिर्फ सदर अस्पताल व आइसीटीसी में गर्भवती महिलाओं के इस साल हुई जांच में करीब 13 महिलाओं को एचआइवी पॉजीटिव पाया गया है. अगर ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों में भी जांच होती, तो आंकड़ा इससे काफी अधिक होता. ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों में बिहार एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा एचआइवी के जांच किट की आपूर्ति पहले की जाती थी, लेकिन खपत की रिपोर्ट नहीं मिलने पर बिहार एड्स कंट्रोल सोसाइटी ने जांच किटों की आपूर्ति पर रोक लगा दी.2015 में एचआइवी पॉजीटिव मरीजों का ब्योरामाह मरीजों की संख्याजनवरी 25फरवरी 30मार्च 24अप्रैल 25मई 27जून 36जुलाई 30अगस्त 26सितम्बर 33अक्तूबर 27नवंबर 27दिसंबर 22क्या कहते हैं अधिकारी मुझे जानकारी नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों में एचआइवी जांच किट नहीं हैं.जल्द ही जांच किटों को मंगाया जायेगा.सदर अस्पताल में एचआइवी पॉजीटिव महिलाओं का प्रसव नहीं कराना है. इसके लिए विभाग ने छपरा में व्यवस्था की है. ऐसे मरीजों को पटना नहीं छपरा रेफर किया जाना है. ठाकुर विश्वमोहन, नोडल पदाधिकारी, एड्स कंट्रोल
ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में नहीं हैं जांच किट
ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में नहीं हैं जांच किट जिले के करीब आधा दर्जन से अधिक प्रखंड हैं हाइ रिस्क जोन मेंएचआइवी पॉजीटिव मरीजों को कम करने में लापरवाह दिख रहा विभाग सीवान .जिले में एचआइवी पॉजीटिव मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन मरीजों को कम करने के प्रति विभाग पूरी […]
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