अपने यौवन से ढलान की ओर बढ़ा हरिहरक्षेत्र मेला फोटो-16 से आगे मेला से संबंधित. चौथे रविवार को मेले में उमड़ी यात्रियों की अपार भीड़हरिहरक्षेत्र हाजीपुर. विश्व विख्यात हरिहर क्षेत्र मेला अपने यौवन पर पहुंच कर अब ढलान की ओर अग्रसर है. सरकारी स्तर पर घोषित एक माह के इस मेले में चौथे रविवार को दर्शनार्थियों का सैलाब उमड़ पड़ा. लोगों ने जम कर खरीदारी की और मेले का लुत्फ उठाया. मेले में पौराणिक, आधुनिक, पाश्चात्य और ग्रामीण संस्कृति की छटा से सभी मुग्ध होते रहे. एक तरफ विदेशी सैलानी थे, तो आधुनिकता की चकाचौंध से निकल कर मेगा सिटी के लोग भी मेले के रंग में रंग चुके थे. ग्रामीण संस्कृति के पहुंचे लोगों ने भी रविवार की छुट्टी का भरपूर आनंद उठाया. छुट्टी के दिन का उठाया भरपूर मजा : वाहन से आनेवाले मेला यात्रियों का आना सुबह से शुरू हो चुका था. पुरानी गंडक पुल से लोग पैदल मेला में पहुंच रहे थे. सुरक्षा कर्मी सजग हैं वे लोगों का मार्गदर्शन करते और आवश्यक निर्देश भी देते रहे. मेला क्षेत्र में किसी प्रकार के वाहनों का प्रवेश पूर्णत: बंद है. साइकिल से पहुंच रहे लोग प्रयास करते हैं, लेकिन उन्हें भी स्टैंड में अपनी साइकिल जमा करने का निर्देश प्राप्त होता है. मेले में मुख्य रूप तीन तरफ से लोगों का प्रवेश हो रहा है. अभी भीड़ कुछ कम है. मुख्य द्वार के पास भीड़ कुछ अधिक है. महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक है. अभिभावक साथ मेला घूम रही महिलाओं को चोर- उचक्कों से सावधान रहने और बच्चों पर ध्यान रखने की सलाह देते दिखते हैं. गुब्बारे का खेल बच्चों का कौतूहल : मेले में पहुंच रहे ग्रामीण के कंधे पर बैठे बच्चे ने जोर से किलकारी मारी, बाबूजी देखो वो गुब्बारा. बच्चे के उत्साह में वे भी चहक उठते हैं. मुख्य द्वार के सामने लगे डिजनी मेले में बच्चों और युवाओं की भीड़ जुटी है. चक्कर घिरनी, चक्कर झूला आदि के लिए टिकट की लंबी लाइन है. झूले पर बैठे बच्चों की किलकारी और युवाओं के हंसी- मजाक से डिज्नी परिसर गूंजता रहा. अभिभावक भी इसका खूब लूत्फ उठाते रहे.ट्वाय ट्रेन पर चढ़ने की जिद पर अड़े बच्चे : यहां कृषि प्रदर्शनी, रेल ग्राम और विभिन्न कंपनी के स्टॉल पर लोगों की भीड़ लगी रही. रेल ग्राम और विभिन्न कंपनियों के स्टॉल पर लोगों की काफी भीड़ जमी. रेल ग्राम में रेलवे के विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी लगी है, जहां लोग जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. मुख्य प्रदर्शनी में आधुनिक एवं पुराने रेल इंजन के मॉडल को देख लोग चकित हैं. रेल ग्राम में ट्वाय ट्रेन का आनंद उठाने के बच्चों सहित महिला और अभिभावक भी उत्सुक दिखे. टिकट लेकर वह अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे थे. रेल पर सवार बच्चे गाड़ी खुलने पर जोर से खिलखिला पड़ते हैं. रेलवे के चित्र प्रदर्शनी में भी काफी भीड़ थी, जहां चित्र के माध्यम से जानकारी दी जा रही है. कृषि प्रदर्शनी में किसान अधिक नजर आते हैं, लेकिन आम लोग भी इसे देख रहे हैं. यहां लगायी गयी औषधीय पौधों की प्रदर्शनी लोगों को ज्यादा आकर्षित करती है.शिल्प कला की खूब होती रही बिक्री : आधुनिक एवं आकर्षक रूप से सजाये गये ग्राम श्री मंडप में ग्रामीण हस्तशिल्प, बांस की कलाकृति, लाह एवं अन्य सामान को देखने और खरीदने की होड़ मची है. कोई बांस की कलाकृति खरीद रहा है तो कोई शृंगार प्रसाधन के सामान. सजावटी सामान की बिक्री अधिक हो रही है. यहां दो दर्जन से अधिक महिला उद्यमियों द्वारा निर्मित सामान के स्टॉल लगे हैं, जो बरबस ही मेलायात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. जूट, लाह, काष्ठ कला के अद्भूत कलाकृति पर सब मोहित हैं. आस-पास फुटपाथों पर लगे दुकानों में भी भीड़ बनी रही. चिड़िया बाजार में बनी रही कोलाहल : चिड़िया बाजार में रंग-बिरंगी चिड़ियों की चहचहाहट से बच्चे उत्साहित थे. बच्चों ने चिड़ियां बाजार का पूरा लुत्फ उठाया. अभिभावक भी उनकी खुशी में शामिल थे और वह विभिन्न किस्म की चिड़ियों और जानवरों की जानकारी दे रहे थे. भीड़ धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही थी. पिंजरों में बंद विभिन्न प्रकार के पशु- पक्षी उनका खूब मनोरंजन भी कर रहे थे. वह देखो रंग-बिरंगी चिड़ियां. अरे वह क्या, यह तो खरगोश है और वह देखो तोता. खूबसूरत हंस, बतख, तोता और विभिन्न नस्ल के कुत्ते देख बच्चे झूम उठते हैं. उनकी खुशी का ऐसा आलम था कि दुकानदार भी उनकी खुशी में शामिल होकर उनकी विशेषता बताने में लग जाते.कपड़ों का बाजार भी हो गया था गरम : कपड़ों के बाजार में भी काफी भीड़ है. ठंड की दस्तक के साथ गरम कपड़ों की बिक्री शुरू है. लोग जम कर खरीदारी कर रहे हैं. युवा अधिक दिखते हैं. वह आधुनिक डिजाइन के कपड़े पसंद करने में लगे हैं. महिलाएं और पुरुष भी कम नहीं हैं. सभी कुछ न कुछ खरीद ही रहे हैं. स्वेटर, शाल, कंबल, कोर्ट, र्स्काफ, मोजा, गुलबंद आदि मनपसंद सामान की खरीदारी की जा रही है. इस दौरान कीमत को लेकर खूब मोल-जोल भी हो रहा है. यहां कोई कम कीमत में कपड़ों की खरीद कर खुश हो रहे थे तो कोई ज्यादा दाम पर ठगा महसूस कर रहे थे. फुटपाथ पर दुकान लगाये दुकानदारों की खूब चांदी कटी और वह दिन भर खरीद-बिक्री में व्यस्त रहे. नृत्य-संगीत से रंगीन रही मेले की शाम : सुबह से आये लोग अब शाम होने पर थोड़ा थके-थके लग रहे थे. घूम-घूम कर पस्त लोग अब नाश्ता और चाय लेने के मूड में दिखे. कई भोजन के लजीज व्यंजनों का स्वाद उठाने में लग गये, तो कई बिहारी भोजन लिट्टी-चोखा और गुड़ की जलेबी का स्वाद लेने लगे. शाम के छह बजे थियेटर पंडालों के प्रचार की आवाज पर लोग थियेटर की ओर मुड़ गये तो कई पर्यटक विभाग के मुख्य पंडाल मंच में लोक संस्कृति कार्यक्रम का आनंद लेने के लिए पंडाल का रुख कर लिया. पर्यटन विभाग के पंडाल में राज्य और देश के विभिन्न जगहों से आये कलाकारों की प्रस्तुति का लोग भरपूर आनंद उठा रहे हैं.
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अपने यौवन से ढलान की ओर बढ़ा हरिहरक्षेत्र मेला
अपने यौवन से ढलान की ओर बढ़ा हरिहरक्षेत्र मेला फोटो-16 से आगे मेला से संबंधित. चौथे रविवार को मेले में उमड़ी यात्रियों की अपार भीड़हरिहरक्षेत्र हाजीपुर. विश्व विख्यात हरिहर क्षेत्र मेला अपने यौवन पर पहुंच कर अब ढलान की ओर अग्रसर है. सरकारी स्तर पर घोषित एक माह के इस मेले में चौथे रविवार को […]
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