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पांच सौ बेडों के अस्पताल निर्माण पर लगा ग्रहण
सीवान : सदर अस्पताल के प्रस्तावित पांच सौ बेड के अस्पताल निर्माण पर पूरी तरह से ग्रहण लग चुका है. सदर अस्पताल के ठीक सामने महिला डॉक्टर के आवास के पीछे जिस हिस्से में अस्पताल के लिए भवन निर्माण होना था, उस जमीन पर इधर चार-पांच सालों से दलित परिवारों ने अवैध तरीके से मकान […]
सीवान : सदर अस्पताल के प्रस्तावित पांच सौ बेड के अस्पताल निर्माण पर पूरी तरह से ग्रहण लग चुका है. सदर अस्पताल के ठीक सामने महिला डॉक्टर के आवास के पीछे जिस हिस्से में अस्पताल के लिए भवन निर्माण होना था, उस जमीन पर इधर चार-पांच सालों से दलित परिवारों ने अवैध तरीके से मकान बना कर कब्जा जमा लिया है.अस्पताल भवन के लिए प्रस्तावित जमीन के करीब आधे हिस्से पर दलित परिवार के लोगों ने अपना पक्का मकान बना लिया है तथा स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक इस पर आपत्ति तक दर्ज नहीं करायी जा सकी है.
पिछले साल दलित परिवारों ने अपने हक को पक्का करने के लिए एक महापुरुष की आदमकद प्रतिमा भी लगा दी. इस प्रतिमा का अनावरण बिहार सरकार के एक पूर्व मंत्री करनेवाले थे, लेकिन विवाद समाचार पत्रों में आ जाने के बाद वे अनावरण करने नहीं आये, तो दलित परिवार के लोगों ने स्वयं प्रतिमा का अनावरण कर दिया. पहले तो देखने से ऐसे लगा कि ये लोग अस्पताल की भूमि के कुछ हिस्से पर ही कब्जा किया है, लेकिन विभाग द्वारा कोई विरोध नहीं होने पर प्रतिदिन ये अस्पताल की भूमि पर अपना कब्जा बढ़ाते जा रहे हैं.
बताया जाता है कि शहर के कुछ भू-माफियाओं की नजर अस्पताल की इस बेसकीमती करोड़ों की जमीन पर है.वे दलित परिवारों को आगे रख कर जमीन पर कब्जा जमाना चाहते हैं. सदर अस्पताल के पांच सौ बेड का बनने वाला अस्पताल जमीन विवाद के कारण ही नहीं बन पा रहा है. सदर अस्पताल के पास जमीन तो काफी थी, लेकिन डीएचएस का भवन बन जाने के बाद अब जमीन नहीं है.
कुछ दलित परिवार सदर अस्पताल के अंदर परिसर में भी वर्षों से अवैध तरीके से मकान बना कर रह रहे हैं. विभाग द्वारा सदर अस्पताल परिसर को कब्जे से मुक्त करने का प्रयास कभी नहीं किया गया.
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