35.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चार प्राध्यापकों के भरोसे 3550 छात्र

चार प्राध्यापकों के भरोसे 3550 छात्रकॉलेज की लचर व्यवस्था से उदास हैं छात्र व अभिभावकहाल महाराजगंज आरबीजीआर डिग्री कॉलेज काफोटो 15 आरबीजीआर कॉलेज.महाराजगंज. शहर का आरबीजीआर कॉलेज एकमात्र अंगीभूत डिग्री कॉलेज है, जो 1961 में स्थापित हुआ. सभी विषयों के शिक्षक महाविद्यालय में उपलब्ध थे. लाइब्रेरी, प्रयोगशाला व खेल की सारी चीजें उपलब्ध थी. मगर […]

चार प्राध्यापकों के भरोसे 3550 छात्रकॉलेज की लचर व्यवस्था से उदास हैं छात्र व अभिभावकहाल महाराजगंज आरबीजीआर डिग्री कॉलेज काफोटो 15 आरबीजीआर कॉलेज.महाराजगंज. शहर का आरबीजीआर कॉलेज एकमात्र अंगीभूत डिग्री कॉलेज है, जो 1961 में स्थापित हुआ. सभी विषयों के शिक्षक महाविद्यालय में उपलब्ध थे. लाइब्रेरी, प्रयोगशाला व खेल की सारी चीजें उपलब्ध थी. मगर आज महाविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है, जिससे पढ़ाई छात्रों के लिए समस्या बनी हुई है. महाविद्यालय में कमरों का अभाव नहीं है. न प्रयोग के उपकरणों की कमी है. लेकिन प्राध्यापकों का सभी विषयों में अभाव है. इससे छात्र कोचिंग के सहारे अपना पठन-पाठन चला रहे हैं. कितने हैं छात्रइंटर प्रथम वर्ष- 950इंटर द्वितीय वर्ष-1000बीए पार्ट वन -550बीए पार्ट टुू -650बीए पार्ट थ्री – 400 किस विषय के नहीं हैं प्राध्यापकदर्शन शास्त्र, जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, गणित, अर्थशास्त्र, उर्दू, हिंदी, संस्कृत विषय के प्राध्यापक नहीं हैं. वहीं अंगरेजी, रसायनशास्त्र, इतिहास, राजनीति विज्ञान के चार प्राध्यापक हैं, जिनके सहारे 3550 छात्रों की पढ़ाई की जाती है. जिन विषयों के प्राध्यापक नहीं हैं उस विषय को रखने वाले छात्र महाविद्यालय आना मुनासिब नहीं समझते. क्या कहते हैं प्राचार्य कॉलेज में प्राध्यापकों की कमी पूरा करने के लिए विश्वविद्यालय को पत्र लिखा गया है. अभी जितने प्राध्यापक हैं, उन्हीं से काम चलाया जाता है. छात्र ही कॉलेज में कम आ रहे है. छात्र कोचिंग कर घर चले जाते हैं. बीके तिवारी, प्राचार्य ,आरबीजीआर कॉलेज, महाराजगंजकेवि के भवन निर्माण के लिए सीएम को लिखा पत्रमहाराजगंज. केंद्रीय विद्यालय उजांय के छात्रों के अभिभावकों ने विद्यालय के भवन निर्माण के लिए बिहार के सीएम को पत्र दिया है. भवन के अभाव में बच्चों का नामांकन पर्याप्त संख्या में नहीं हो पा रहा है. छात्रों की पढ़ाई पर कमरों की कमी का बुरा प्रभाव पड़ रहा है. गांव के अभिमन्यु सिंह केवि प्रतिनिधि सदस्य के अलावा अन्य लोगों के हस्ताक्षरित आवेदन मुख्यमंत्री, बिहार सरकार के पास भेजा गया है. आवेदन में कहा गया है कि केवि के बगल में चार एकड़ भूमि खाता खेसरा के साथ स्वीकृति हेतु सरकार को भेजी गयी है, जो प्रतीक्षा में लंबित है. स्वीकृति में विलंब होने के कारण केवि बंद होने के करार पर है.अविलंब स्वीकृति की मांग की गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें