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दहशत में जी रहे पीडि़त माता-पिता ने यूं साझा किया दर्द
डर से बेटियां नहीं आतीं, तीसरे बेटे की हत्या के केस का पता करने कोर्ट नहीं गया, अब ताकत नहीं कि आगे लड़ सकूं सीवान : चर्चित तेजाब हत्याकांड में भले ही विशेष कोर्ट ने चार आरोपितों को सजा सुनायी दी हो, लेकिन मृत सतीश व गिरीश के पिता चंदकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू आज […]
डर से बेटियां नहीं आतीं, तीसरे बेटे की हत्या के केस का पता करने कोर्ट नहीं गया, अब ताकत नहीं कि आगे लड़ सकूं
सीवान : चर्चित तेजाब हत्याकांड में भले ही विशेष कोर्ट ने चार आरोपितों को सजा सुनायी दी हो, लेकिन मृत सतीश व गिरीश के पिता चंदकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू आज भी दशहत में हैं.
कोर्ट का फैसला आने के बाद उन्होंने कहा कि मेरे साथ मेेेरे सगे-संबंधी भी दहशत में रहते हैं. मेरी दो बेटियां दहशत के कारण ही हमलोगों से मिलने नहीं आती हैं. उन्होंने बताया कि अपने तीसरे बेटे की हत्या के मामले में मुकदमे की स्थिति क्या है. आज तक पता करने नहीं गया. अब सरकार के भरोसे ही मुकदमों की पैरवी है. अब मुझमें ताकत नहीं रही कि आगे लड़ाई लड़ सकूं.
आंखों में आंसू लिये उन्होंने कहा कि घर का चिराग एक विकलांग पुत्र बचा है, जिसे मैं अब खोना नहीं चाहता. मेरा इकलौता बचा पुत्र ही हमलोगों के बुढ़ापे का सहारा है. वह खाना बनाता है, तो हमलोग खाते हैं. चंदा बाबू की पत्नी कमलावती देवी की आंखें भी नम थीं.
चंदा बाबू ने कहा कि अगर हत्यारों को सजा-ए-मौत मिलती, उनके कलेजे को ठंडक मिलती. हत्यारों ने उनके दोनों बेटों की जिस तरह नृशंस हत्या की थी, उन्हें भगवान भी माफ नहीं करेगा. हालांकि उन्होंने कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए कहा कि मुझे न्याय पर भरोसा है.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि चारों दोषी अगर ऊपरी अदालत में फैसले के खिलाफ अपील करेंगे, तो वहां वे पैरवी करने नहीं जायेंगे, क्योंकि अब इसकी ताकत मुझमें नहीं रही. तेजाब हत्याकांड में अपने दो बेटों और इसी कांड में चश्मदीद अपने बेटे राजीव रोशन को खोने के बाद मेरा सब कुछ बरबाद हो चुका है. अब मुझमें यह ताकत नहीं रही कि आगे लड़ाई लड़ सकूं.
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