गुठनी : सरकारी योजनाओं का कैसे मखौल उड़ाया जाता है संबंधित विभाग या स्थानीय प्रशासन द्वारा, इसका जीवंत उदारहण गुठनी प्रखंड मुख्यालय में पिछले छह वर्षों से बन रहा राष्ट्रीय कृषि विकास मद से इ किसान भवन है. लगभग 43 लाख 50 हजार की लागत से बनने वाला यह इ किसान भवन पूर्ण रूप से तैयार होने के पहले ही जर्जर होने लगा है.
इस भवन का निर्माण तत्कालीन पंचायत सचिव राम छबीला पड़ित द्वारा कराया जाना था. कार्य प्रारंभ हुआ और दो तल्ले तक मकान की ढलाई हो गयी. लेकिन इसके साथ ही अभिकर्ता राम छबीला पड़ित का 2012 में स्थानांतरण हो गया और कार्य रुक जाने से जंगली पौधों से यह भवन भर गया. साथ ही ढलाई वाली छत पर भी घास-फूस जमने लगे हैं.
जिस योजना से यह भवन बनना शुरू हुआ, उसके अभियंता और पदाधिकारी को तो मानो कोई वास्ता नहीं रह गया है. योजना के अभिकर्ता भी पैसे की निकासी कर अपना कार्य कर रहे हैं. किसी को इस संबंध में कोई चिंता नहीं रह गयी है. वहीं प्रखंड मुख्यालय में सेवा दे रहे बीडीओ व सीओ प्रतिदिन इस अधूरे भवन का दर्शन करते हैं,
मगर आज तक इस कार्य को पूर्ण करने के लिए कोई पहल नहीं कर सके. हालांकि बीडीओ आशुतोष कुमार ने बताया कि हमने इस संबंध में जिले को पत्र लिखा है और संबंधित अभिकर्ता को भी नोटिस दिया गया है.
स्थानीय लोगों की मानें तो इस किसान भवन के निर्माण के लिए आरंभ में ही पैसे की निकासी हो गयी और बंदरबांट भी, जिससे कार्य शिथिल रूप में तथा मानक के खिलाफ होता रहा है और अभिकर्ता के स्थानांतरण के बाद कार्य ही बंद हो गया.