महाराजगंज : अनुमंडल के महाराजगगंज व गोरेयाकोठी विधानसभा क्षेत्र के सीमावर्ती गांव पेखरा व सिसई के बीच चंवर में बनाकटा पुल की सूरत नहीं संवर पायी है. दोनों गांवो को जोड़नेवाले इस पुल की हालत बेहद जर्जर है. इस सड़क पर लगातार हादसे बढ़ रहे हैं.
अनजान राहगीर पुल के पास दुर्घटनाग्रस्त होकर कई बार गंभीर जख्मी हो चुके हैं. समय रहते अगर पुल का निर्माण नहीं कराया गया, तो हादसे में अधिक लोगों की जान जा सकती है. इधर से पार होने में जोखिम इतना है कि लोग भगवान भरोसे अपनी यात्रा पूरी करते हैं.
पुल की खराब हालत के चलते राहगीरों को तो परेशानी होती ही है. दोनों गांवों के लोग अपनी खेतों तक नहीं पहुंच पाते हैं. टूटे पुल के कारण लोगों को 5 किलोमीटर का फेरा लगा कर दूसरी ओर जाना पड़ता है. पूर्व विधायक ने शिलान्यास कर अपनी भूमिका निभा दी, अब नये विधायक से लोगों की उम्मीदें बढ़ गयी है.
क्या कहते हैं ग्रामीण एक दशक से विधानसभा प्रतिनिधियों से पुल बनाने की बात कही जा रही है. गोरेयाकोठी के पूर्व विधायक इंद्रदेव प्रसाद द्वारा शिलान्यास भी किया गया था. चुनाव आचार संहिता के पेंच में पुल नहीं बन पाया.फोटो.11 दिलीप सिंह, पोखरा(महाराजगंज)पोखरा व सिसई दोनों गांव के लोगों का उधर जमीन है. पुल ठीक था, तब तक खेती अच्छी होती थी. पुल ध्वस्त के बाद चंवर में पानी भरने से आवागमन बंद हो जाता है.
जिससे खेती पर भी बुरा असर पड़ रहा है.फोटो.12 अशोक सिंह, पोखरा (महाराजगंज) बनकटा पुल ध्वस्त होने से आवाजाही करने में बहुत डर लगता है. जिससे एक-दूसरे गांव से मजदूरी करने जाने और आने में भी परेशानी होती है. नेताओं द्वारा पुल बनाने का आश्वासन मिला, मगर अभी तक नहीं बन पाया.फोटो.13 चंद्रावती देवी, सिसई (गोरेयाकोठी) चंवर में पानी रहता है,
तो बड़ी परेशानी होती है. काई बीमार पड़ गया तो डॉ-वैद्य भी समय पर नहीं पहुंचते हैं. सड़क अवरुद्ध होने से वाहन को भी लंबी दूरी का फेरा लगा कर अस्पताल जाना पड़ता है.फोटो. 14 लीलावती देवी, सिसई ( गोरेयाकोठी) बनकटा का पुल निर्माण के लिए बीस सूत्री बैठक में भी विगत साल प्रश्न उठाया था.
डीएम द्वारा सड़क निर्माण विभाग के इंजीनियर को पुल देखने की बात कही गयी थी. अभियंता की लापरवाही से काम ठंडे बस्ते में पड़ गया.फोटो 15 राज कुमार भारती, प्रमुख, महाराजगंजगोरेयाकोठी के लोगों ने आशीर्वाद देकर विधायक बनाया है. जिस आशा-विश्वास से जनता ने वोट दिया है, उनकी सेवा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. समस्याओं की सूची बना कर प्राथमिकता के आधार पर निबटाना है. पुल जल्द बनेगा.
सत्यदेव प्र. सिंह, विधायक, गोरेयाकोठी दाल के बाद लोगों को रुला रही लहसुन महाराजगंज. दाल के बाद बाजार में लहसुन के भाव में बेतहाशा वृद्धि हुई है. लहसुन का बाजार खुदरा में 200 रुपये किलो है. जो आम जन की औकात से बाहर है. लहसुन का प्रयोग गरीब-गुरबा प्राय: अपने खाने में करते हैं.
चटनी- चोखा से लेकर सब्जी आदि में भी इसका प्रयोग होता है. लहसुन का बाजार में दाम सुनते ही गरीब आगे बढ़ जाते हैं. पिछले साल लहसुन 20-22 रुपये किलो बिक रहा था. महज एक सप्ताह में भाव बढ़ने से गरीब की थाली से लहसुन की दूरी बढ़ गयी है. व्यवसायियों की मानें तो महाराष्ट्र में अधिक बारिश होने से लहसुन की खेती प्रभावित हो गयी है.
इसलिए इसका दाम बढ़ गया है. जनता इसे व्यवसायियों का नाटक मान रही है. लोग कहते हैं कि बड़े कारोबारी जब चाहते हैं, तब बाजार में कोई समान महंगा हो जाता है. सरकार को कालाबाजारियों पर नकेल कसनी चाहिए.