सीवान : सदर अस्पताल की लचर स्वास्थ्य सेवा को ठीक करने के प्रति विभाग के अधिकारी पूरी तरह उदासीन हैं. ड्यूटी पर कौन से डॉक्टर व कर्मचारी आए ? इसकी जबावदेही किसी को नहीं है. बुधवार को 12 बजे तक सदर अस्पताल के महिला ओपीडी में कोई डॉक्टर नहीं आयी थीं. महिला मरीज डॉक्टर से दिखाने के लिए कतार में खड़ी थीं.
ओपीडी में सुरक्षा में तैनात जवानों से महिलाएं बार-बार पूछ रही थीं, डॉक्टर कब आयेंगी. जिलाधिकारी ने कई बार सिविल सर्जन को स्वास्थ्य सेवा ठीक करने के निर्देश दिया था, लेकिन अस्पताल के डॉक्टरों व कर्मचारियों पर डीएम के आदेश का असर नहीं दिख रहा है. महिला ओपीडी के अलावा आंख व दांत रोग के ओपीडी में कोई डॉक्टर नहीं थे. मरीज आ रहे थे और घूम कर चले जा रहे थे. कुछ मरीज ऐसे भी थे, जिन्होंने परची तो बनवा ली थी,
लेकिन डॉक्टर के नदारद होने से लौट गये. महिला वार्ड में रात में प्रसव के लिए आयीं कई महिला मरीज डॉक्टर का इंतजार कर रही थीं. रात में जिन महिलाओं का प्रसव हुआ था, उनकी परची पर डॉक्टर के दस्तखत नहीं होने के कारण महिला मरीज घर नहीं जा पा रही थीं. सदर अस्पताल के पुरुष इमरजेंसी को छोड़ कर बाकी कहीं भी कोई काम लायक व्यवस्था नहीं है. लेकिन जब भी इमरजेंसी में मरीजों की संख्या अधिक हो जाती है, तब मरीजों के इलाज में परेशानी होती है.
सदर अस्पताल में लंबे दिनों तक छुट्टी पर रहने वाली एक महिला डॉक्टर ने ज्वाइन तो किया, लेकिन इसका लाभ महिला मरीजों को नहीं मिल रहा है. सदर अस्पताल की व्यवस्था को ठीक करने के लिए कई पदाधिकारियों को जिम्मेवारी है, लेकिन सभी लोग अपने वरीय अधिकारियों पर ही निर्भर हैं. सिविल सर्जन डॉ शिव चंद्र झा ने बताया कि अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा ठीक करने के प्रयास किये जा रहे हैं. जीर्णोद्धार के बाद शीघ्र ही आपात कक्ष को अपने भवन में स्थानांतरित किया जायेगा.