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कांटे से कांटा निकालने की ये कोशिश तो नहीं!

सीवान : व्यवसायी हरिशंकर सिंह के अपहरण की गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती जा रही है. नेपाल से लेकर पड़ोसी राज्य यूपी व झारखंड के जिलों की खाक छान रही पुलिस अभियान के छठवें दिन शनिवार को भी खाली हाथ रही. उधर, समय बीतने के साथ ही परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है. अब […]

सीवान : व्यवसायी हरिशंकर सिंह के अपहरण की गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती जा रही है. नेपाल से लेकर पड़ोसी राज्य यूपी व झारखंड के जिलों की खाक छान रही पुलिस अभियान के छठवें दिन शनिवार को भी खाली हाथ रही.

उधर, समय बीतने के साथ ही परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही है. अब नयी रणनीति के तहत अपराध की दुनिया में एक-दूसरे के धुर विरोधी रहे गुटों के टकराव को तफ्तीश का हिस्सा बना कर कांटे से कांटा निकालने की कोशिश के कयास लगाये जा रहे हैं, जिसका पुलिस अध्ययन कर रही है.

पचरुखी के प्रमुख व्यवसायी हरिशंकर सिंह के पिछले रविवार को हुए अपहरण की घटना के छह दिन गुजर चुके हैं. पुलिस ने घटना के बाद ही 24 घंटे में घटना के खुलासे का दावा किया था.
जबकि हकीकत है कि अब तक की पुलिस कवायद से स्थिति साफ नहीं हो सकी है. हालांकि पुलिस जल्द खुलासा का दावा कर रही है. इसी क्रम में जिले की पुलिस के साथ ही एसटीएफ व एसआइटी अपने अभियान में जुटी है. एसपी सौरभ कुमार साह के लगातार खुद अभियान में जुटे रहने से पुलिस की हर संभव कोशिश करने की चर्चा भी जोरों पर है.
इन सबके बावजूद समय बीतने के साथ चिंता बढ़ना परिजन व पुलिस में स्वाभाविक है. हर किसी की कोशिश अपहृत हरिशंकर की सकुशल वापसी पर है. पुलिस की मौजूदा कोशिश के मुताबिक उसकी एक कांटा से कांटा निकालने की रणनीति की भी चर्चा है. जानकारों का कहना है कि जिले में दो गिरोहों की अपहरण के कारोबार के रूप चर्चा पहले से रही है.
बाद के दिनों में बदले राजनीतिक हालात में उनके कारनामों पर विराम लग गया. इस बीच ही एक घटना को लेकर दोनों एक-दूसरे के घोर विरोधी हो गये. विरोध का असर सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र में भी हमेशा दिखता रहा है.
आपसी विरोध को पुलिस अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है. अब तक वर्किंग स्टाइल में साफ नजर आ रहा है कि दोनों गुटों के कई संदिग्धों से पुलिस अब तक पूछताछ कर चुकी है. इस दौरान एक-दूसरे के प्रति विश्वास जताते हुए उनकी ताजा गतिविधियों को जानने में जुटी है.
कांटे से कांटा निकालने की इस स्टाइल के सहारे पुलिस को उम्मीद है कि वे असली ठिकाने तक पहुंचने में कामयाब हो सकती है. वहीं अपराधियों के भी चाल चलने से इनकार नहीं किया जा सकता. राजनीतिक संरक्षण का लाभ उठाकर एक गुट के सफाया करने के लिए उस ओर घटना में संलिप्त होने का इशारा कर अपना वर्चस्व कायम करने के एक गुट की कोशिश को भी पुलिस मान रही है.
स्वयं घटना को अंजाम देकर दोनों गुटों की एक-दूसरे की ओर मामले को मोड़ देने की कोशिश से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में पुलिस इन सभी हालात को संज्ञान में रखते हुए अपने सर्च अभियान को जारी रखी है, जिसके आधार पर उसे जल्द कामयाबी की उम्मीद है.
क्या कहते हैं अधिकारी
व्यवसायी हरिशंकर की बरामद के लिए पुलिस की कोशिश जारी है.हर बिंदुओं से जांच में मिले सुराग के आधार पर जल्द इसमेें सफलता मिलने की उम्मीद है.
सौरभ कुमार साह, एसपी, सीवान

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