चार्जशीट दाखिल न करने पर दो पुलिस अधिकारियों पर गिरेगी गाज-समय से चार्जशीट न देने से डकैत को जमानत मिलने के बाद जागे पुुलिस अधिकारी-गोपालगंंज जेल में बंद कुख्यात डकैत पर जिले में दर्ज हैं चार लूट के मामलेे-एसपी ने कहा, जांच कर लापरवाह अधिकारियों पर होगी कार्रवाई-कार्रवाई की जद मेें आ सकते हैं नौतन थानाप्रभारी व जामो के पुलिस पदाधिकारी-आरोपित को धारा 167(2) के तहत पुलिस की लापरवाही मानते हुए कोर्ट ने दी थी जमानत
सीवान : पुलिस द्वारा डकैत के खिलाफ तय समय सीमा के भीतर चार्ज शीट नहीं दिये जाने पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अरविंद सिंह के डकैत को जमानत पर रिहा कर देनेे के बाद पुलिस विभाग की नींद टूटी. इसको लेकर विभाग कार्य में लापरवाह पुलिस पदाधिकारियों का ब्योरा तैयार करने में जुटा है.
चार्ज शीट दाखिल करने में विलंब करनेवाले अधिकारी पर गाज गिरना तय माना जा रहा है. इसके चलते ऐसे संंदिग्ध पदाधिकारियों की बेचैनी बढ़ गयी है. जामो थाने में डकैती की योजना बनाने व आर्म्स एक्ट का मामला पुलिस ने दर्ज किया था.गोपालगंज जिले के तुरपट्टी गांव के महेश साह का पुत्र इंदल साह है, जो अंतर जिला गिरोह का डकैत है तथा इस पर सीवान व गोपालगंज जिले में डकैती,लूट व आर्म्स एक्ट के दर्जनों मामले दर्ज हैं.
तत्कालीन थानाध्यक्ष मो अकबर ने 11 अगस्त, 2014 को रात्रि में गश्ती के दौरान डकैती की योजना बना रहे पांच कुख्यात डकैतों के खिलाफ जामो थाना कांड संख्या 84/14 जो भादवि की धारा 399 /402 तथा जामो थाना कांड संख्या 85/14 जो आर्म्स के अंतर्गत दर्ज किया था,
इसमें गोपालगंज जिले के मांझा गढ़ थाने के भेजपुरवा निवासी नुरैन मियां,भोरे थाने के सिसई गांव निवासी सिट्टू व जगतौली गांव निवासी हरिश चंद उर्फ संजय एवं हथुवा थाने के तुरपट्टी गांव निवासी इंदल साह व जिले के मुफस्सिल थाने के बहुआरी बलुवा टोला निवासी सुनील सिंह को आरोपित किया था. आरोपित इंदल साह को कोर्ट ने गोपालगंज जेल से बुला कर 4 ,मार्च 2015 को उपरोक्त मुकदमे में रिमांड किया था,
लेकिन जामो थाने के पुलिस पदाधिकारी ने मामले में 90 दिनों के बजाय सात माह बीत जाने पर भी आरोप पत्र कोर्ट में नहीं दाखिल किया. इस मामले में सीजेएम कोर्ट ने बचाव पक्ष व अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद व कार्यालय से रिपोर्ट लेकर दंड प्रक्रिया की धारा 167(2) के तहत पुलिस की लापरवाही मानते हुए उक्त आरोपित को जमानत दे दी.
उधर, पुलिस विभाग का मानना है कि 90 दिनों में चार्ज शीट दाखिल करना होता है.लेकिन इस मामले में सात माह गुजरने के बाद भी आरोप पत्र अनुसंधान कर्ता ने दाखिल नहीं किया .जामो थाने में तैनात सरोज कुमार ने समय से आरोप पत्र दाखिल नहीं किया. इसके बाद इनका स्थानांतरण नौतन थाने के लिए कर दिया गया.इसके बाद यहां की जिम्मेवारी एसआइ चंद्रदेव राम को दे दी गयी.चंद्रदेव राम ने भी निर्धारित अवधि में आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल नहीं किया.
ऐसे में गिरफ्तारी के बाद सात माह का वक्त गुजर गया. इस बीच कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए आरोप पत्र के अभाव में कुख्यात इंदल साह को जमानत दे दी.अब इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को होने के बाद उनकी बेचैनी बढ़ गयी है.एसपी सौरभ कुमार साह ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश देते हुए लापरवाह पुलिस पदाधिकारी पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है.