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वक्षिप्ति महिला के नवजात के संबंध में सीडब्ल्यूसी की टीम पहुंची गुठनी

विक्षिप्त महिला के नवजात के संबंध में सीडब्ल्यूसी की टीम पहुंची गुठनीप्रभात फॉलोअपगुठनी पीएचसी के स्वास्थ्यकर्मियों व स्थानीय लोगों से की पूछताछविक्षिप्त महिला के सहयोग में आगे नहीं आया कोई समाजिक संगठनचौथे दिन भी डॉक्टर द्वारा की गयी सलाह पर जांच नहीं करायी अस्पताल प्रशासन नेसीवान . सदर अस्पताल के महिला वार्ड में भरती विक्षिप्त […]

विक्षिप्त महिला के नवजात के संबंध में सीडब्ल्यूसी की टीम पहुंची गुठनीप्रभात फॉलोअपगुठनी पीएचसी के स्वास्थ्यकर्मियों व स्थानीय लोगों से की पूछताछविक्षिप्त महिला के सहयोग में आगे नहीं आया कोई समाजिक संगठनचौथे दिन भी डॉक्टर द्वारा की गयी सलाह पर जांच नहीं करायी अस्पताल प्रशासन नेसीवान . सदर अस्पताल के महिला वार्ड में भरती विक्षिप्त महिला के नवजात बच्चे का पता लगाने के लिए जिला बाल काल्याण समिति की एक जांच टीम गुठनी गयी तथा जांच की. जांच टीम ने गुठनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्यकर्मियों व ऑफिसरों से भी पूछताछ की. पूछताछ के क्रम में जांच टीम को स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि विक्षिप्त महिला गर्भवती थी तथा कुछ दिनों पहले ही उसने हाइ स्कूल परिसर में बच्चे को जन्म दिया.महिला प्रसव के बाद ब्लीडिंग होने से कराह रही थी, तो फुटबाल खेलने वालें बच्चों ने उसे गुठनी पीएचसी में भरती कराया. उसके बाद उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया.जिला बाल काल्याण समिति को स्वास्थ्यकर्मियों ने यह भी बताया कि जब वह गर्भवती थी, तो उसका इलाज पीएचसी के द्वारा किया गया था. गुठनी के लोगों की बातों को सच मानें तो विक्षिप्त महिला शुरू से विक्षिप्त नहीं हैं.ट्रेन से जाने के क्रम में असामाजिक तत्वों ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया, जिसके बाद वह विक्षिप्त हो गयी. यह घटना किस स्टेशन की है तथा महिला कहां की है, इस बात की जानकारी नहीं हो सकी है.कुछ लोग दबी जुबान यह बात कह रहे हैं कि विक्षिप्त महिला को गुठनी की एक महिला ने रखा है. लोगों का कहना है कि हाइ स्कूल के प्रधानाध्यापक ने एक अक्तूबर को स्थानीय थाने का लिखित आवेदन देकर विक्षिप्त महिला की जानकारी दी थी.लेकिन पुलिस उसे महिला अल्पावास में न भेज कर स्थानीय लोगों की मदद से इलाज कराती रही. सदर अस्पताल में विक्षिप्त महिला को आये करीब सात दिन होने जा रहे हैं. उसे न्याय मिलने की बात तो दूर, अभी तक कोई समाजिक संगठन मदद के लिए आगे नहीं आया है. सदर अस्पताल की महिला चिकित्सक ने 10 अक्तूबर को ही अल्ट्रासाउंड सहित कई महत्वपूर्ण जांच कराने की सलाह दी थी, लेकिन चार दिन बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रशासन विक्षिप्त महिला के जांच कराने में कोई रुचि नहीं ले रहा है. सभी स्वास्थ्यकर्मी इस इंतजार में हैं कि कब विक्षिप्त महिला को अल्पावास गृह भेजने का आदेश हो.

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