फिर बंद हो गया सदर अस्पताल में सिजेरियन गरीब महिलाओं को सिजेरियन कराने जाना पड़ रहा है प्राइवेट मेंकुल प्रसव का पांच प्रतिशत होता है जटिल प्रसवसीवान . सदर अस्पताल में पांच महीने बाद 29 फरवरी को शुरू हुआ सिजेरियन फिर नहीं हो रहा है. सिजेरियन नहीं होने के पीछे संसाधनों की कमी नहीं है.सदर अस्पताल में करीब चार महिला डॉक्टरों के होने के बावजूद महिला डॉक्टर सिजेरियन करने में रुचि ही नहीं ले रही हैं.20 अप्रैल को सदर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ की घटना के बाद ओटी क्षतिग्रस्त होने के कारण सिजेरियन बंद कर दिया गया था, लेकिन सदर अस्पताल में नये ओपीडी में अस्पताल प्रशासन सिजेरियन कराना शुरू नहीं किया. 6 अक्तूबर को जांच टीम आने को लेकर आनन-फानन में ऑपरेशन के औजार व उपकरण खरीद कर 29 सितंबर को पांच महीने बाद पहला सिजेरियन नये ओटी में शुरू किया गया. इसके बाद करीब डेढ़ सौ महिलाओं का प्रसव हुआ. विभाग के अनुसार कुल प्रसव का पांच प्रतिशत जटिल प्रसव होता है, जिसका सिजेरियन कराना जरूरी होता है. यह बात सच भी है कि कई महिलाओं को सिजेरियन की जरूरत पड़ी, लेकिन महिला डॉक्टरों ने नहीं किया. एक डॉक्टर से उपाधीक्षक ने कारण पृच्छा भी की है. इधर, जांच टीम नहीं आयी और अस्पताल प्रशासन ने भी सिजेरियन कराने में अपनी रुचि लेनी छोड़ दी. ग्रामीण क्षेत्रों से प्रसव कराने आने वाली गरीब महिलाओं के परिजन सदर अस्पताल में सक्रिय बिचौलियों के चक्कर में पड़ कर लूटे जा रहे हैं.सिजेरियन क्यों बंद है? अस्पताल का कोई अधिकारी कुछ नहीं बता रहा है.
फिर बंद हो गया सदर अस्पताल में सिजेरियन
फिर बंद हो गया सदर अस्पताल में सिजेरियन गरीब महिलाओं को सिजेरियन कराने जाना पड़ रहा है प्राइवेट मेंकुल प्रसव का पांच प्रतिशत होता है जटिल प्रसवसीवान . सदर अस्पताल में पांच महीने बाद 29 फरवरी को शुरू हुआ सिजेरियन फिर नहीं हो रहा है. सिजेरियन नहीं होने के पीछे संसाधनों की कमी नहीं है.सदर […]
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