सीवान : यहां वीणा के स्वर हर दिन सुनायी पड़ते हैं. शास्त्रीय संगीत व नृत्य की विधाओं से यहां से पारंगत होकर अब तक दर्जनों प्रतिभाओं ने क्षेत्र का देश व प्रदेश में नाम रोशन किया है. हर वर्ष यहां तैयार हो रही संगीत व कला की नयी पौध.
शहर के पंचमंदिरा मोहल्ले में दो दशक पूर्व संगीत कला विकास परिषद की नींव पड़ी. इसका मकसद संगीत व कला के क्षेत्र में प्रतिभाओं को उजागर कर उन्हें संरक्षित व संव्द्धिधत करने का रहा.
इसके चलते कालांतर में यहां से निकली प्रतिभाएं यहां के संचालक कर्ताओं की तपस्या को साबित कर रही हैं. संस्था के सचिव व संगीताचार्य रामानुज मश्रि कहते हैं कि संगीत व कला ईश्वर की आराधना का हस्सिा है. ग्रामीण क्षेत्र में छुपी प्रतिभाओं को मंच दिला कर उनमें अनुभव व प्रतिभा को उजागर करना तथा समृद्ध बनाना ही हमारी कोशिश है.यहां लोगों को प्रशक्षिण देने के साथ ही प्रमाणपत्र भी दिया जाता है.
मनीषा व प्रभाकर ने देश में पायी ख्याति
जिले के चैनपुर ओपी के मोरवन गांव के मनीषा मश्रिा व प्रभाकर कश्यप एक मिसाल हैं.कथक में पारंगत मनीषा इस समय उत्तर प्रदेश के राजधानी लखनऊ में संगीत अकादमी चला रही है.
उसे अपनी विधा के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कथक साम्राज्ञी से पुरस्कृत किया है. उधर, प्रभाकर ने गायन के क्षेत्र में अब तक खूब शोहरत बटोरी है. संगीत रत्न से सम्मानित प्रभाकर ने कई एलबम में अपने गीत से क्षेत्र का नाम रोशन किया है. इसके अलावा संस्था से जुड़े कलाकार प्रत्येक वर्ष सोनपुर मेले व देवघर के श्रावणी मेले में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं.
संस्था के आशीष व अभिषेक, व प्रभाकर को गोल्ड मेडल से प्रयाग संगीत अकादमी द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है.संस्था के बेहतरी में सेवानिवृत्त प्राचार्य व संस्था की अध्यक्ष डॉ सुशीला पांडे का विशेष योगदान है.