सीवान : अगस्त ,2014 में आंगनबाड़ी विकास सह निगरानी समिति का गठन हुआ था, लेकिन इसके सही से काम नहीं करने व व्यावहारिक कठिनाई के कारण अब समाज कल्याण विभाग ने नये तरीके से निगरानी समिति गठित करने का आदेश दिया है.
विभागीय पत्रंक 3177 द्वारा इसका आदेश जिलाधिकारी को भेजा गया है. एक माह के अंदर इस नयी समिति का गठन करने को कहा गया है.कैसा होगा समिति का प्रारूपआंगनबाड़ी विकास सह निगरानी समिति 12 सदस्यीय होगी. इसके पदेन अध्यक्ष वार्ड सदस्य होंगे.
वहीं शहरी क्षेत्रों में वार्ड आयुक्त इसके अध्यक्ष होंगे. वार्ड आयुक्त की अनुपस्थिति में स्थानीय प्राथमिक या मध्य विद्यालय के शिक्षक इसके अध्यक्ष होंगे, जिसका मनोनयन प्रधानाध्यापक द्वारा किया जायेगा.
वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय पंच समिति का उपाध्यक्ष होगा और समिति का सदस्य सचिव आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका होगी. वहीं आशा, एएनएम, विकास मित्र व एक निकटवर्ती स्वयं सहायता समूह के एक सदस्य भी इस समिति के सदस्य होंगे. निकटवर्ती प्राथमिक या मध्य विद्यालय के एक शिक्षक भी समिति का सदस्य होगा.
आंगनबाड़ी केंद्र में नामांकित छह माह से तीन वर्ष व तीन वर्ष से छह वर्ष के बच्चों की माताएं दो-दो की संख्या में समिति की सदस्य होंगी. साथ ही टीएचआर लाभुक दो गर्भवती व दो प्रसूति महिलाएं भी इसकी सदस्य होंगी. इसके अतिरिक्त क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भी समिति विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में बुला सकती है.
अब सेविका व लाभुक वर्ग की महिला के नाम होगा खाता
अब आंगनबाड़ी केंद्र के सेविका व लाभुक वर्ग की एक सदस्य के नाम संयुक्त बैंक खाता होगा, जिसकी निकासी संयुक्त रूप से दोनों करेंगे. इसके पूर्व की समिति में स्थानीय विद्यालय के एक शिक्षक व सेविका के नाम खाता संचालित हो रहा था,
जिसमें कई कठिनाइयों एवं मनमानी की शिकायतें आ रही थीं. अब लाभुक वर्ग की एक महिला के खाता संचालन में सहभागी बनाने से योजना में गड़बड़ी व राशि की बंदरबाट से निजात मिलेगी.
क्या है योजना : आंगनबाड़ी केंद्रों पर चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का विकास सह निगरानी समिति से पारित कराना आवश्यक होगा. समिति केंद्र के कार्यो की निगरानी रखेगी. गड़बड़ी की स्थिति में उचित कार्रवाई करेगी.