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अभी करें नरक से सामना अगले वर्ष मिलेगी राहत
हाल शहर के आवासीय मुहल्ले अयोध्यापुरी का शहर में तेजी से बढ़े आवासीय मोहल्लों में अयोध्यापुरी की स्थिति लंबे समय से नारकीय बनी हुई है.बरसात के दस्तक देते ही मोहल्ले को जानेवाला मुख्य मार्ग जलजमाव के कारण तालाब की शक्ल ले चुका है. ऐसे में लोग कई स्थानों पर घुटने भर पानी से होकर हर […]
हाल शहर के आवासीय मुहल्ले अयोध्यापुरी का
शहर में तेजी से बढ़े आवासीय मोहल्लों में अयोध्यापुरी की स्थिति लंबे समय से नारकीय बनी हुई है.बरसात के दस्तक देते ही मोहल्ले को जानेवाला मुख्य मार्ग जलजमाव के कारण तालाब की शक्ल ले चुका है. ऐसे में लोग कई स्थानों पर घुटने भर पानी से होकर हर दिन गुजरने का मजबूर हो रहे हैं.
हालात से जहां लोग परेशान हैं,वहीं उनके लिए गुड न्यूज यह है कि नगर पर्षद ने नाला व पीसीसी निर्माण को स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिससे अगले वर्ष से लोगों को राहत मिल सकेगी.
सीवान : अयोध्यापुरी मोहल्ला की अपनी कई मायने में अलग पहचान है. यहां रहनेवाले बड़ी संख्या में परिवार शिक्षक व इंजीनियर समेत अन्य सरकारी नौकरी पेशा वाले हैं, जिससे शिक्षित व आथिर्क रूप से समृद्ध मोहल्लों में इसकी चर्चा होती है.
इसके विपरीत यहां के लोगों को सबसे अधिक हर दिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
सड़क व नाली बनी तालाब,राह चलना मुश्किल : नयी आबादी का विकास दो दशक पूर्व शुरू हुआ.तेजी से यहां आवासीय भवनों का निर्माण भी होने लगा. इस समय तकरीबन डेढ़ सौ मकान बन चुके हैं.
आबादी का विस्तार होने के बाद अब इन लोगों को बुनियादी समस्याओं से हर दिन जूझना पड़ रहा है. सोलिंग सड़क व नाला का निर्माण एक दशक पूर्व हुआ, जिसका अधिकतर स्थानों अब अस्तित्व तक नहीं है. ऐसे में बरसात शुरू होने के बाद मार्ग तालाब की शक्ल ले चुका है.
यहां लगे पानी के चलते पूर्व से हालात से अनभिज्ञ लोगों को सड़क व नाली का फर्क तक नहीं समझ में आता है, जिससे हर दिन लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं.
दोपहिया वाहनों का आवागमन ठप : सड़क पर घुटने भर पानी के चलते अब दोपहिया वाहनों का आवागमन ठप हो गया है.पैदल राहगीरों को अधिकतर स्थानों पर घुटने भर पानी से गुजरना पड़ रहा है.मोहल्ले में रह रहे दोपहिया वाहन चालक अब मजबूरन अब घरों से अपने वाहन से नहीं निकलते हैं.
अधिकतर लोगों ने अपने वाहन को बगल के मोहल्ला श्रीनगर,गंडक कॉलोनी,कंधवारा समेत अन्य जगहों में अपने परिचितों के यहां रख दिया है, जहां से ये वाहन को लेकर आते-जाते हैं.
सड़क व नाली निर्माण को हरी झंडी : सड़क व नाली निर्माण को नगर पर्षद की हरी झंडी मिलने के बाद लोगों को एक उम्मीद जगी है.यहां पीसीसी सड़क का निर्माण 47 लाख 17 हजार 419 रुपये खर्च कर किया जायेगा.जबकि नाला निर्माण पर 22 लाख 26 हजार 844 रुपये खर्च होंगे. इसका शिलान्यास हो चुका है.
निर्माण भी शुरू हो गया है.बरसात के कारण निर्माण कार्य काफी धीमा है.फिर भी उम्मीद है कि अगले वर्ष लोगों को ऐसे हालात का सामना नहीं करना पड़ेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
सड़क व नाली निर्माण के लिए शिलान्यास हो चुका है.कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है.निर्धारित अवधि के बीच संवेदक को निर्माण पूरा करने का निर्देश दिया गया है.लोगों को जलजमाव व जजर्र सड़क से हो रही परेशानी से जल्द ही राहत मिल जायेगी.
आरके लाल, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद,सीवान
साढ़े चार घंटे तक जाम रहा सीवान-मैरवा मार्ग
अयोध्यापुरी मोहल्ले के लोगों का गुस्सा शुक्रवार को सड़क पर उतर आया.जलजमाव व सड़क के अभाव के चलते परेशान अयोध्यापुरी मोहल्ले के लोग स्वत:स्फूर्त आंदोलन पर उतर आये.
लोगों ने श्रीनगर में मैरवा-सीवान मुख्य मार्ग को सुबह साढ़े आठ बजे जाम कर दिया. राज्य उच्च पथ जाम होने से वाहनों की लंबी कतार लग गयी.साढ़े चार घंटे तक आवा-गमन पूरी तरह ठप रहा.
लोगों का आक्रोश देख मौके पर पुलिस भी दो घंटे बाद पहुंची. मुफस्सिल थानाप्रभारी रामाझा राय ने समझाने- बुझाने की कोशिश की.लोग तत्काल जलजमाव समाप्त करने व सड़क तथा नाली निर्माण शुरू करने की मांग कर रहे थे.
इसके बाद यहां सदर प्रखंड के बीडीओ मौके पर पहुंचे तथा तत्काल समस्या के समाधान करने का आश्वासन देते हुए जाम समाप्त कराया. प्रदर्शन में मोहल्ले के गुड्डु पांडे, अजय कुमार,मो.रफीक,चंदन कुमार,संतोष कुमार,राजेंद्र साह,नजरे आलम,दीपक कुमार सोनी,विजेद्र सिंह आदि शामिल थे.
यह दर्द कर रहा मोहल्ले के हालात को बयां
जलजमाव के चलते लोगों को हो रही परेशानी का आकलन एक सप्ताह पूर्व हुई एक घटना से लगाया जा सकता है.
मोहल्ला निवासी मधुसूदन पाठक सिंचाई विभाग के रिटायर्ड सहायक अभियंता हैं.पिछले एक वर्ष से गंभीर बीमारी से ग्रस्त होकर घर पर ही बिस्तर पर पड़े हैं. उनकी पत्नी प्रभावती देवी पिछले दिनों सड़क पर पैर फिसलने से गिर पड़ी. उनकी कमर की हड्डी टूट गयी.
उनके एक बेटे व बहू ही मां तथा पिता की देखभाल करते हैं.जिस दिन प्रभावती घायल हुइर्ं,उस दिन जलजमाव के कारण बेटा व बहू दरवाजे तक एंबुलेंस न पहुंच पाने के कारण तकरीबन दो सौ मीटर तक स्वयं पैदल उठा कर ले गये.
मधुसूदन पाठक के पुत्र गणोश दत्त पाठक कहते हैं कि हर दिन इंजेक्शन लगाने के लिए कंपाउंडर को लेकर घर आना पड़ता है.
रुपये देने के बाद भी हर दिन जलजमाव के कारण कंपाउंडर की खुशामद करनी पड़ती है.ऐसी विभिन्न समस्याओं से बड़ी संख्या में लोग जूझ रहे हैं.
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