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पुल से गिर मजदूर की मौत
दीघा-पहलेजा रेल सह सड़क पुल पर शुक्रवार की शाम हुई घटना दिघवारा : गंगा नदी पर निर्माणाधीन दीघा-पहलेजा रेल सह सड़क पुल से फिसल कर अनियंत्रित होकर गिरने के कारण शुक्रवार की देर रात एक मजदूर की मौत हो गयी. मृतक की पहचान अवतार नगर थाना क्षेत्र की हराजी पंचायत के पुरुषोत्तमपुर सुवर्णा निवासी 60 […]
दीघा-पहलेजा रेल सह सड़क पुल पर शुक्रवार की शाम हुई घटना
दिघवारा : गंगा नदी पर निर्माणाधीन दीघा-पहलेजा रेल सह सड़क पुल से फिसल कर अनियंत्रित होकर गिरने के कारण शुक्रवार की देर रात एक मजदूर की मौत हो गयी. मृतक की पहचान अवतार नगर थाना क्षेत्र की हराजी पंचायत के पुरुषोत्तमपुर सुवर्णा निवासी 60 वर्षीय रवींद्र राय के रूप में की गयी है.
परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक, गंगा नदी पर निर्माणाधीन दीघा-पहलेजा रेल सह सड़क पुल पर रिपिट वर्कर का
काम करने वाला रवींद्र राय शुक्रवार की रात लगभग आठ बजे ड्यूटी खत्म कर पुल पर निर्माणाधीन रेलवे लाइन के सहारे पुल पार कर पहलेजा स्थित अपने डेरा लौट रहा था कि पीछे से आ रही एक हाफ ट्रॉली की ठोकर से वह अनियंत्रित होकर पुल से नीचे जा गिरा, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी.
बाद में घटनास्थल से शव प्राप्त कर स्थानीय पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया तब परिजनों को शव सुपुर्द किया. उधर, शनिवार की सुबह मृतक के घर पर शव पहुंचते ही कोहराम मच गया.
मृतक के परिजनों का रोते-रोते बुरा हाल था. बाद में दोपहर में सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति में आमी के गंगा घाट पर मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया. कंपनी द्वारा किसी तरह का मुआवजा नहीं मिलने पर मृतक के परिजन काफी क्षुब्ध नजर आये.
दिघवारा : दीघा-पहलेजा रेल सह सड़क पुल मजदूरों के लिए कितना सुरक्षित है एवं कार्य करनेवाले मजदूरों को कंपनी कार्य अवधि के दरम्यान कितनी सुरक्षा प्रदान करती है, इस पर सवाल उठने शुरू हो गये हैं.
इसी पुल पर काम करने के दरम्यान 33 दिनों के अंदर हराजी के दो मजदूरों की जान चली गयी. रिपिट वर्कर के तौर पर काम कर अपने परिजनों का पेट भरने वाले इन मजदूरों की मौत के बाद न केवल उनके परिजनों से उनका आसरा छिना, बल्कि किसी पत्नी का सुहाग छिन गया, तो किसी बेटा-बेटी ने हमेशा के लिए अपने पिता को खो दिया. मां बेटे का इंतजार करती रही, मगर बेटे के लौटने की जगह आयी उसके मौत की मनहूस खबर.
18 मई को गयी थी महेश्वर की जान : हराजी पंचायत के ही नया टोला गांव निवासी 45 वर्षीय महेश राय की मौत बीते 18 मई को दीघा-पहलेजा रेल सह सड़क पुल पर कार्य करने के क्रम में अनियंत्रित होकर गंगा नदी में गिर कर डूबने से हो गयी थी. इसके बाद घटनास्थल पर काफी हंगामा हुआ था. काफी मशक्कत के बाद दो दिनों बाद शव मिल सका था.
कैसे बढ़ेगी रवींद्र के परिवार की गाड़ी : बुढ़ापे की ओर अग्रसर रवींद्र राय मेहनत कर अपने परिजनों का पेट भरता था. मगर शुक्रवार को पुल से गिरने के बाद उसकी मौत हो गयी. अब सवाल यह उठने लगा है कि अपने पति के आसरे जीवन नैया को चलानेवाली उसकी पत्नी शिववर्ती देवी का पेट कैसे भरेगा. ऐसी स्थिति में मृतक की पत्नी की देखभाल कौन करेगा, इसको लेकर गांव में लोगों के बीच जुबानी चर्चा परवान पर थी.
दहशत में दिखे अन्य मजदूर : ग्रामीणों की मानें, तो हराजी पंचायत के नया टोला, पुरुषोत्तमपुर सुवर्णा, पकौलिया, फकुली, धारीपुर समेत कई गांवों से लगभग डेढ़ सौ से दो सौ मजदूर इन दिनों दीघा-पहलेजा पुल में रिपिट वर्कर का काम करते हैं. मगर 18 मई को महेश्वर राय व 19 जून को रवींद्र राय की मौत हो जाने के बाद अन्य मजदूर भी दहशत में दिख रहे हैं. कई मजदूरों के परिजन काम छोड़ कर घर वापस लौट आने का आग्रह कर रहे हैं.
कंपनी द्वारा कोई सहयोग नहीं मिलने से क्षुब्ध दिखे परिजन : ऐसे तो रवींद्र के परिजनों का रोते-रोते बुरा हाल था, मगर रोती-बिलखती पत्नी शिववर्ती देवी समेत विवाहित बेटियां ललिता, कुसुम व मुन्नी इस बात को लेकर क्षुब्ध थीं कि रवींद्र की मौत के बाद कंपनी के पदाधिकारियों ने सहयोगात्मक रवैया नहीं अपनाया और ना ही तात्कालिक तौर पर किसी तरह आर्थिक सहयोग ही किया.
पिछले रविवार को घर आया था रवींद्र : परिजनों के अनुसार, पिछले रविवार को रवींद्र राय अपने घर पुरुषोत्तमपुर सुवर्णा आया था एवं परिजनों से मिल कर सोमवार को वापस काम पर लौट गया था. मगर, किसे पता था कि रवींद्र से परिजनों की यही मुलाकात उसके जीवन की आखिरी मुलाकात होगी.
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