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दलित बस्ती के तीन परिवारों में कोहराम
मामला मिट्टी से दब कर हुई तीन बच्चों की मौत का सिसवन प्रखंड के बघौना गांववासियों के लिए रविवार का दिन आफत बन कर उस समय आया,जब एक ही झटके में तीन नन्हे बच्चे काल के गाल में समा गये. अराड़ (मिट्टी का टीला)से दब कर तीन बच्चों की मौत व पांच बच्चों के घायल […]
मामला मिट्टी से दब कर हुई तीन बच्चों की मौत का
सिसवन प्रखंड के बघौना गांववासियों के लिए रविवार का दिन आफत बन कर उस समय आया,जब एक ही झटके में तीन नन्हे बच्चे काल के गाल में समा गये. अराड़ (मिट्टी का टीला)से दब कर तीन बच्चों की मौत व पांच बच्चों के घायल होने की घटना के बाद गांव में कोहराम मचा हुआ है.
हर किसी की जुबान पर हादसे की चर्चा है. कोई हादसे के लिए जेसीबी से पूर्व में किये गये गड्ढे को कारण मान रहे हैं, तो कोई नियति का खेल बता कर अपने को भाग्य को कोसने में लगे हैं.
सीवान : बघौना गांव में हुए हादसे के बाद मातम का माहौल है. घटना में मरे सभी बच्चे मजदूर परिवार के हैं. ये सभी बच्चे घर की पुताई के लिए गड्ढे से मिट्टी निकाल रहे थे. ग्रामीणों के मुताबिक इन मजदूरों की मिट्टी व फूस की झोंपड़ियां हैं. घरवालों के कहने पर ये बच्चे लिपाई व पुताई के लिए मिट्टी लाने आये थे.
इस दौरान हादसे का शिकार हो गये. ऐसे में उन्हें अब अपनी गलतियों का एहसास हो रहा है. मृतक नीरज के पिता गोविंद राम कहते हैं कि मेरा बेटा जाने को तैयार नहीं था. मेरे कहने पर ही अन्य बच्चों के साथ गया था. हमें क्या पता था कि उसे जाने को कह कर मौत के मुंह में ढकेल रहा हूं.
दलित बस्ती में बच्चों के कोलाहल की जगह छाया सन्नाटा : इस घटना से हर किसी की आंखें नम हो जा रही हैं. दलित बस्ती में तो दु:खों का पहाड़ ही टूट पड़ा है. मातमी सन्नाटे के बीच रुक -रुक कर चीख-पुकार सुनाई पड़ रही है.
सबकी जुबान पर उन नन्हे बच्चों की हरकतें हैं. जिन घरों में बच्चों की चहल-पहल सुनाई पड़ती थी, उन आधा दर्जन से अधिक परिवारों में निराशा व महिला सदस्यों की सिसकियां सुनाई पड़ रही हैं.
हादसा को सुन लोग दौड़े घटना स्थल की ओर : रविवार की सुबह अड़ार से दब कर मौत की खबर क्षेत्र में आग की तरफ फैल गयी.
हर कोई बघौना गांव के दक्षिण व पश्चिम छोर पर आबादी से दो सौ मीटर दूर हुए हादसे वाले घटना स्थल की ओर दौड़ चला. घटना स्थल पर हजारों की भीड़ जमी रही. मौके पर सिसवन थानाध्यक्ष देवकिशोर प्रसाद व चैनपुर ओपी प्रभारी मनोज कुमार ने पहुंच कर घायलों को तत्काल अस्पताल भेजवाया. साथ ही शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
सदर अस्पताल में घायलों का चल रहा इलाज
हादसे में गोविंद राम के पुत्र नीरज, भरथ राम की पुत्री कविता तथा विजय राम के पुत्र अंशु कुमार की मौत हो गयी, जबकि पांच बच्चे घायल हो गये, जिनमें दीनानाथ राम की पुत्री रोशनी उर्फ गुड़िया, दिनेश राम का पुत्र अनमोल तथा भरथ राम के पुत्र अमर का सदर अस्पताल में इलाज चल रहा है.
घायल अनमोल अपने ननिहाल मामा विनोद राम के घर आया हुआ था. अनमोल हसनपुरा थाने के सहुली गांव का रहनेवाला है. इसके अलावा घायल विजय राय की पुत्री सिंधु कुमारी व गौरी राम की पुत्री मिल्पी कुमारी का नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज चल रहा है.
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