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औसतन प्रति एजेंसी मात्र 21 हैं व्यावसायिक कनेक्शन

सीवान : रसोई गैस की कालाबाजारी का खेल कम होता नजर नहीं आ रहा है. जिले की 36 लाख 70 हजार 683 आबादी के बीच दो लाख 239 रसोई गैस के कनेक्शनधारी हैं, जिनमें से घरेलू कनेक्शन की संख्या एक लाख 99 हजार 544 तथा व्यावसायिक कनेक्शन की संख्या 695 है. ऐसे में 33 एजेंसियों […]

सीवान : रसोई गैस की कालाबाजारी का खेल कम होता नजर नहीं आ रहा है. जिले की 36 लाख 70 हजार 683 आबादी के बीच दो लाख 239 रसोई गैस के कनेक्शनधारी हैं, जिनमें से घरेलू कनेक्शन की संख्या एक लाख 99 हजार 544 तथा व्यावसायिक कनेक्शन की संख्या 695 है.
ऐसे में 33 एजेंसियों में कुल 695 व्यावसायिक कनेक्शन ही जाहिर कर रहे हैं कि रसोई गैस का दुरुपयोग हो रहा है.औसतन प्रत्येक गैस एजेंसियों के यहां 21 व्यावसायिक कनेक्शन हैं, जबकि व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की संख्या हजारों में है.
शहर में होती है सर्वाधिक अवैध खपत : शहर में रसोई गैस की पांच एजेंसियां हैं, जहां 239 व्यावसायिक कनेक्शन हैं. पार्वती गैस एजेंसी पर सर्वाधिक 179 कनेक्शन हैं. जबकि ऋचा इंडेन एजेंसी पर एक भी व्यावसायिक कनेक्शन नहीं है. इसके अलावा सिद्धि विनायक एजेंसी में 53, आनंद श्री भारत गैस एजेंसी में पांच व ओम श्री सांईं इंडेन के यहां मात्र दो व्यावसायिक कनेक्शन है,जबकि शहर में होटलों समेत अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर हर दिन हजारों की संख्या में सिलिंडर की खपत होती है.
अप्रैल में मात्र 1162 व्यावसायिक सिलिंडरों की हुई खपत : हजारों व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के बाद भी आंकड़ों में अप्रैल में मात्र 1162 व्यावसायिक सिलिंडरों का एजेंसियों ने वितरण किया.
यह संख्या ही घरेलू गैस के दुरुपयोग को साबित करने के लिए पर्याप्त है.जबकि अप्रैल माह में लगन के अवसर के चलते गैस सिलिंडरों की खपत बढ़ी रही. आमतौर पर एक मांगलिक आयोजनों पर औसतन चार से पांच सिलिंडर की खपत हो जाती है, जिसका खामियाजा घरेलू कनेक्शन धारकों को भुगतना पड़ता है.
डीबीटीएल से बढ़ा और अवैध कारोबार : घरेलू गैस सब्सिडी युक्त सिलिंडर 737 की दर से मिलते हैं.इसका वजन 14.5 किलोग्राम होता है.अर्थात प्रति किलो 50.82 रुपये इसकी दर पड़ती है, वहीं व्यावसायिक सिलिंडर की कीमत 1415 रुपये है. यह 19 किलोग्राम का होता है,अर्थात इसकी कीमत प्रति किलो 74.47 रुपये हुए. ऐसे में 24.05 रुपये व्यावसायिक सिलिंडर महंगा पड़ता है.
अब सब्सिडी की धनराशि सहित सिलिंडर मिलने से लोगों को 737 रुपये देने पड़ रहे हैं. ऐसे में डीबीटीएल की व्यवस्था के चलते बिना सब्सिडी का लाभ पाये घरेलू सिलिंडर के जुगाड़ में दुकानदार सफल हो जाते हैं. इसके चलते दुकानदारों के यहां इसकी खपत बढ़ गयी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
व्यावसायिक सिलिंडर के बजाय दुकानदारों द्वारा घरेलू सिलिंडर का प्रयोग करने की शिकायत मिलने पर अभियान चला कर कार्रवाई की जाती है. इस कार्य में संबंधित क्षेत्र के पुलिस प्रशासन के माध्यम से संयुक्त अभियान चलाया जाता है.आगे भी अभियान चलेगा.
देवेंद्र कुमार दर्द, जिला पूर्ति पदाधिकारी,सीवान

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